My Shadow : By -Riecha Sambhari
My Shadow*
I woke up in the morning
A voice of Quran, temple’s bell ring
In the dark room, full of air
I felt myself too alone
Is there...
बस एक तमन्ना है मेरी
बस एक तमन्ना है मेरी
बस एक तमन्ना है मेरी ,
क्या कर दोगे वो तुम पूरी,
मैं चाहूं गर सोना,
हो अमन का बिछौना ,
चैन की...
काव्य सरिता/- “छात्र का दुःस्वप्न” रचना- उधव कृष्ण..👉लिंक पर क्लिक कर पढ़े..
poem on night mare of a student by a student
अब तू पूरा सा लगे (Ab Tu Pura Sa Lage )
अब तू पूरा सा लगे (Ab Tu Pura Sa Lage )
तुझे लप्रेक से लपेटू
तू अधूरा सा लगे |
तुझे शायरी से लपेटू
तू अधूरा सा लगे...