ख़त (A Letter)
ख़त
देखो आज फिर वो खत आया है
जाने ना, आज क्या पैगाम लाया है
तड़प रही थी आंखें मेरी
देखने को जिनको ,
छूने को उनके हर एहसास...
वो जो हम में तुम में क़रार था
वो जो हम में तुम में क़रार था
डिअर अनिमेष,
आज तुम घर आओगे तो रोज की तरह मैं घर पर तुम्हारा इंतजार करती हुई नहीं...
सिर्फ मेरा प्रेम
सिर्फ मेरा प्रेम
प्रेम ,अपने आप में एक सम्पूर्ण दर्शन है ।ये एक प्रेरणा है और प्रेरणा का पोषक भी है। आज जिस माधवी को...
Holi Special : होली के रंग, कविताओं के संग | पढ़िए होली की कवितायेँ
गले मुझको लगा लो ए दिलदार होली में - भारतेंदु हरीशचंद्र
गले मुझको लगा लो ऐ दिलदार
होली में
बुझे दिल की लगी भी तो ऐ यार
होली में
नहीं...
मेरा वो दो रंगा साथी ।।
एक हक़ के साथ गढ़ रखा था मैंने,
मेरे नाम को
पहले ही पन्ने पर।।
खफ़ा है आज वो मुझसे ,
किसी दोस्त की तरह,
और खफ़ा हो भी...
यह भी कट जाएगा !,, ,👉लिंक पर क्लिक कर पढ़े ये रोचक कहानी..👉
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हम क्या थे, क्या होते जा रहे हैं…
हम क्या थे, क्या होते जा रहे हैं... ख़त्म होती मानवीय संवेदना !!!
बात कुछ दिन पहले की है। हम गाँधी मैदान से डाक बंगला...
काव्य सरिता/- “छात्र का दुःस्वप्न” रचना- उधव कृष्ण..👉लिंक पर क्लिक कर पढ़े..
poem on night mare of a student by a student
पुनरावृत्ति (Story about a women)
पुनरावृत्ति : Story about a women
निधि ने अपनी माँ आरती की तरफ देखा। माँ सब्जी काटने में लगी थी। निधि मौका देखकर स्वाति का...
मुझ मे है तू !!
मुझ मे है तू
आज जब मैंने उसकी तस्वीर दीवार पर लगायी तो लगा मानो वो सामने ही खड़ी है। अन्विता ने उस पर लगाने...