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भारत के इन 30 जिलों में राहत मिलने के आसार नहीं

कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन-4 में 30 जिलों और नगरपालिका क्षेत्रों में कोई राहत मिलने के आसार नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिनमें इन जिलों की समीक्षा की गई। सूत्रों का कहना है कि इन जिलों में लॉकडाउन के चौथे चरण में भी राहत के आसार नहीं हैं। क्योंकि, सरकार ने कोरोना प्रबंधन को लेकर शहरी क्षेत्रों के लिए जो दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, उनमें कलस्टर संक्रमण वाले क्षेत्रों में इस महामारी की रोकथाम के लिए सख्ती बरतने की बात कही गई है।

इन 30 नगरपालिका क्षेत्रों में दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब और ओडिशा राज्य के इलाके शामिल हैं। बैठक के दौरान जिलों में कोरोना की वर्तमान स्थिति पर एक प्रजेंटेशन बनाई गई, जिसमें संक्रमण पुष्टि दर, घातक दर, दोगुनी दर, प्रति 10 लाख पर परीक्षण आदि तथ्यों पर रोशनी डाली गई।

अग्रिम तैयारियों की सलाह दी गई

बैठक के दौरान शहरी बस्तियों में कोविड-19 के प्रबंधन से जुड़े नए दिशा-निर्देशों की जानकारी भी साझा की गई। इनमें शहर के पुराने इलाकों, शहरी झुग्गियों, प्रवासी कामगारों के शिविरों और घनी आबादी वाले इलाकों में निगरानी पर जोर दिया गया। बैठक के दौरान ठीक होने के प्रतिशत में सुधार के लिए मरीज की समय पर पहचान और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई)/सांस के गंभीर संक्रमण पर ध्यान देने पर जोर दिया गया। वहीं, कोविड-19 से इतर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं जैसे आरएमएनसीएच+एन देखभाल, कैंसर का इलाज, टीबी निगरानी, टीकाकरण प्रयास तथा आगामी मानसून के मौसम को देखते हुए मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम पर भी ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया जाए।

जिलेवार स्थिति की समीक्षा हुई

बैठक के दौरान कोविड-19 से निपटने के लिए अधिकारियों और नगर निगमों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई। जिलेवार स्थिति की प्रस्तुति भी दी गई, जिसमें उच्च जोखिम वाले कारक, पुष्टि दर, मृत्यु दर, आंकड़ों के दोगुना होने की दर, प्रति 10 लाख पर जांच आदि सूचकांक थे। निगम अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी गई कि निषिद्ध और बफर जोन तय करते समय किन कारकों को ध्यान में रखना है।

एरिया कमांडर प्रणाली लागू की जाए

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि बस्तियों की भौगोलिक सीमा और इसकी जनसंख्या के आकार के आधार पर उपयुक्त वरिष्ठता के एक घटना कमांडर की नियुक्ति की जाएगी और कमांडर अपनी योजना, संचालन, रसद और वित्त टीम तय करेगा।

कमांडर निगम आयुक्त को रिपोर्ट करेंगे

अधिकारियों ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, 2,613 कस्बों/शहरों में ऐसी बस्तियां हैं, जिनमें 6.54 करोड़ आबादी निवास करती है। 1.39 करोड़ घर सभी शहरी आबादी का 17.4 प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि यह पिछले कुछ वर्षों से संख्या में वृद्धि हुई है।

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