केरल में 12 वर्षीय बच्चे की निपाह विषाणु संक्रमण से मौत हो जाने के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को केरल सरकार को एक पत्र लिखकर कड़ी निगरानी, संपर्क सूत्रों का पता लगाने, अस्पताल प्रशासन को सशक्त बनाने और जानकारी प्रदान करने में समन्वय स्थापित करने की सलाह दी है।

केरल के मुख्य सचिव वी.पी. जॉय को भेजे इस पत्र में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के भीतर किसी भी संदिग्ध मामले का पता लगाने के लिए स्रकिय रूप से काम किया जाना चाहिए तथा अस्पताल और समुदाय आधारित निगरानी को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस पत्र में कहा, ‘जिला प्रशासन को प्राथमिक और द्वितीय संपर्क सूत्रों की पहचान करनी है और अधिक जोखिम तथा कम जोखिम वाले संपर्क सूत्रों की सूची तैयार करनी है।’ उन्होंने कहा कि संबंधित जिला प्रशासनों को होम क्वारंटीन के स्वीकृत मानकों का अनुपालन करना होगा और ऐसे मामलों की बाद में भी जांच-पड़ताल करनी चाहिए।

निपाह वायरस रोग के लक्षण क्या हैं?

इसके होने के बाद सांस की बीमारी के साथ बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, बुखार, चक्कर आना और मतली जैसी समस्याएं सामने आती हैं।  कुछ लोगों में मिर्गी के लक्षण दिखने की भी संभावना होती है। एक बार जब संक्रमण बढ़ जाता है तो रोगी बेहोश हो सकता है और दिमागी बुखार हो सकता है, जिसके बाद मौत भी हो सकती है।

क्या निपाह वायरस रोग के इलाज के लिए कोई दवा है?

निपाह वायरस रोग के इलाज के लिए कोई दवा नहीं है लेकिन मरीजों को एंटी-विट्रियल दवाएं दी जाती हैं।

निपाह वायरस कैसे संक्रमित होता है?

मुख्य रूप से लोग पक्षियों और जानवरों के जरिए इससे संक्रमित हो जाते हैं और फल चमगादड़ मुख्य वाहक होते हैं।  आम तौर पर ये वायरस इंसानों में इंफेक्शन की चपेट में आने वाली चमगादड़ों, सूअरों या फिर दूसरे इंसानों से फैलता है। यह जानवरों से इंसानों में शरीर के तरल पदार्थ के जरिए फैलता है और उसी तरह इंसानों में भी फैल सकता है।

निपाह वायरस के संक्रमण को कैसे रोकें?

लोगों को पक्षियों या जानवरों द्वारा काटे गए फलों से बचना चाहिए और चमगादड़ और अन्य पक्षियों से दूर रहना चाहिए। उन्हें चमगादड़ से प्रभावित क्षेत्रों से एकत्रित ताड़ी नहीं पीनी चाहिए। उन्हें डबल मास्क पहनना चाहिए और अपने हाथ ठीक से धोना चाहिए। अगर किसी को अस्पताल जाना है तो वह पीपीई किट पहन कर ही जाए।

Facebook Comments