संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसान हुंकार भरेंगे। कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आयोजित महापंचायत में पश्चिम उत्तर प्रदेश समेत देश के दूसरे राज्यों के किसान भी शामिल होंगे। शनिवार से किसानों का मुजफ्फरनगर पहुंचना शुरू हो गया। किसान महापंचायत को लेकर पुलिस, प्रशासन अलर्ट है। भाकियू ने शनिवार से ही एनएच-58 के सिवाया टोल को फ्री करा दिया। रविवार को भी मेरठ से मुजफ्फरनगर के बीच टोल फ्री रहेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसान महापंचायत बुलाई गई है। भाकियू पदाधिकारियों का दावा है कि किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। महापंचायत में लाखों किसान जुटेंगे। महापंचायत में देश के हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा। यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अलावा कर्नाटक और तमिलनाडु, केरल से भी किसानों के जत्थे आने शुरू हो गए हैं। कर्नाटक राज्य रैयत संघ की अध्यक्ष और बड़े कृषि वैज्ञानिक रहे डाॅ. नजूड़ा स्वामी की बेटी समेत काफी किसान मुजफ्फरनगर पहुंच गए हैं। अलीगढ़, मथुरा, आगरा समेत वेस्ट यूपी के विभिन्न जिलों से लोग पहुंचना शुरू हो गए हैं।

उधर, गाजीपुर बार्डर पर दूसरे प्रदेशों से भी किसानों के जत्थे पहुंचे। वे भी देर रात या सुबह तक मुजफ्फरनगर महापंचायत में पहुंच जाएंगे। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पांच सितंबर की महापंचायत को किसान और मजदूर अपनी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं। महापंचायत में कितने लोग पहुंचेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि संख्या की बात छोड़ो, महापंचायत ऐतिहासिक होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने “बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं” का संकल्प ले रखा है। वह आंदोलन शुरू होने के बाद अब तक मुजफ्फरनगर की सीमा में नहीं गए। संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश पर वह रविवार को मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में जरूर पहुंचेंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे।

बिल वापसी तक घर नहीं जाऊंगा: राकेश टिकैत
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पांच सितंबर की महापंचायत को किसान और मजदूर अपनी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं। महापंचायत में कितने लोग पहुंचेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि संख्या की बात छोड़ो, महापंचायत ऐतिहासिक होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने “बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं” का संकल्प ले रखा है। वह आंदोलन शुरू होने के बाद अब तक मुजफ्फरनगर की सीमा में नहीं गए। संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश पर वह रविवार को मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत में जरूर पहुंचेंगे, लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे।

 हाईटेक व्यवस्था: चार स्थानों से फेसबुक लाइव, 1000 एलईडी
किसान महापंचायत के लिए पहली  बार हाईटेक व्यवस्था की गई है। चार स्थानों से महापंचायत का फेसबुक लाइव होगा। सोशल मीडिया की कमान गौरव टिकैत ने संभाली है। लोग महापंचायत को देख सकें इसके लिए एक हजार स्थानों पर एलईडी लगाई गई हैं।

छावनी में तब्दील हुआ मुजफ्फरनगर, पैरामिलिट्री तैनात
मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत को लेकर प्रशासन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मुजफ्फरनगर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। शनिवार को डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। डीआईजी ने बताया कि पंचायत में सुरक्षा को देखते हुए पैरामिलिट्री, आरएएफ और पीएसी फोर्स तैनात की गई है। जोन और पुलिस मुख्यालय से भी भारी पुलिसबल मुजफ्फरनगर में तैनात किया गया है। सहारनपुर मंडल में हाईअलर्ट पर रखा गया है।

पांच हजार वालंटियर संभालेंगे व्यवस्था :
भाकियू पदाधिकारियों के अनुसार बाहर से काफी संख्या में किसान-मजदूर इस महापंचायत में पहुंचेंगे। इतनी भीड़ के बीच व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती है। पांच हजार वालंटियर तैयार किए गए हैं। पुलिस के साथ मिलकर यह व्यवस्था संभालने में मदद करेंगे। महापंचायत की व्यवस्था में लगे भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने मुजफ्फरनगर के लोगों से एक दिन किसानों के नाम करने की अपील की है।

सौ मेडिकल कैंप, लंगर भी हुआ शुरू
भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि दूसरे प्रदेशों से किसानों का मुजफ्फरनगर पहुंचना शुरू हो गया है। लंगर सेवा शुरू कर दी है। किसान परिवारों से और किसानी के प्रति लगाव रखने वाले चिकित्सकों और चिकित्सालयों की मदद से करीब सौ मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं। एंबुलेंस सेवा की भी व्यवस्था रहेगी। शहर को जाम से बचाने के लिए पार्किंग बनाई गई हैं। किसान पंचायत में आने वाले किसानों से अपने वाहन पार्किंग में लगाकर आयोजन स्थल पर पैदल जाने की अपील की गई है।

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