पटना कॉलेज के खाते से 62.80 लाख रुपये क्लोन चेक से निकालने के मामले में इंडियन बैंक के पटना से लेकर गुजरात के अहमदाबाद नवरंगपुरा ब्रांच में तैनात बैंककर्मी शक के घेरे में हैं। अहमदाबाद में इंडियन बैंक के कर्मियों और पटना के पीयू स्थित उसकी शाखा में किसी ने भी चेक का वेरीफिकेशन नहीं किया।

नियमत: 50 हजार के चेक को भंजाने से पहले भी बैंक एक कॉल कर ग्राहक से सत्यापन कर लेता है। ग्राहक की हामी मिलने पर ही पैसे दूसरों के खाते में डाले जाते हैं, लेकिन नियम-कानून को ताक पर रखकर पटना कॉलेज के खाते से इतनी बड़ी रकम आसानी से जालसाजों के खाते में डाल दी गयी और किसी को बैंक व जालसाजों की कारस्तानी की भनक तक नहीं लगी।

इधर, पीरबहोर थानेदार शबीहुल हक ने गुरुवार की शाम इंडियन बैंक की पीयू शाखा में पहुंचकर वहां की शाखा प्रबंधक से पूछताछ की। महिला अधिकारी ने पुलिस को कुछ सवालों के जवाब भी दिये हैं। सूत्रों की मानें तो अभी इंडियन बैंक के अधिकारियों को पुलिस के कई सवालों के जवाब देने होंगे। इस मामले की तफ्तीश के बाद पुलिस की ओर से बैंक कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। गौरतलब है कि पटना कॉलेज के प्राचार्य ने इंडियन बैंक की शाखा प्रबंधक पर इस मामले को लेकर केस दर्ज करवाया है।

17 जुलाई तक इंडियन बैंक रहा बेखबर

इंडियन बैंक की लापरवाही का आलम यह है कि पटना कॉलेज के खाते से रुपये निकलने के काफी दिनों बाद तक वहां के अफसरों को अवैध निकासी की खबर नहीं थी। पटना कॉलेज प्रबंधन का आरोप है कि 17 जुलाई तक बैंक ने किसी तरह की सूचना नहीं दी। चेक बाउंस होने पर कॉलेज प्रशासन को खाते से पूरी रकम निकल जाने का पता चला।

कई लोगों से ठगी कर चुकी है वेजीटेबल कंपनी

आरऔन वेजीटेबल कंपनी कई संस्थानों को चूना लगा चुकी है। पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आ रही है कि इस कंपनी को क्लोन चेक भंजाने वाले गैंग ने ही खोला था। कंपनी के नाम से खाता खोला गया ताकि आसानी से उसमें जाली चेकों को भंजाया जा सके और किसी को शक भी न हो।

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