कोरोना से ठीक हुए तबलीगी जमात के सदस्यों ने दान किया प्लाज्मा, ताकि दूसरे मरीज स्वस्थ हो सकें

तबलीगी जमात के दस सदस्यों ने आगे आकर दिल्ली में कोविड-19 के गंभीर रोगियों के इलाज के वास्ते अपना प्लाज्मा दान किया है। जमात के यह सदस्य निजामुद्दीन में जलसे में शामिल हुए थे और जांच में इनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। सूत्रों ने बताया कि अपना प्लाज्मा दान करने वाले जमात के सदस्यों का कोविड-19 का उपचार सुल्तानपुरी और नरेला पृथक-वास केंद्रों में किया गया था, जिसके बाद वे स्वस्थ हो चुके हैं। सूत्रों के अनुसार कई अन्य लोगों ने अपना प्लाज्मा दान करने की इच्छा जताई है।

प्लाज्मा विधि से किए जाने वाले उपचार में ठीक हुए व्यक्ति के रक्त में मौजूद प्लाज्मा को कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के शरीर में स्थानांतरित किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि विभिन्न पृथक-वास केंद्रों पर तबलीगी जमात के कई सदस्यों ने अपना प्लाज्मा दान करने की इच्छा जताई।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले सप्ताह कोविड-19 बीमारी से ठीक हुए लोगों से प्लाज्मा दान करने की अपील की थी। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि तबलीगी जमात के सदस्यों का प्लाज्मा लेने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

डॉ मोहम्मद शोएब के अनुसार अब तक जमात के दस सदस्यों ने कोविड-19 के अन्य मरीजों के इलाज के लिए अपना प्लाज्मा दान किया है। सुल्तानपुरी और नरेला के पृथक-वास केंद्रों में रविवार की शाम इफ्तार के बाद दिल्ली सरकार के अस्पताल और निजी अस्पताल के डॉक्टरों की देखरेख में दान करने वालों के रक्त से प्लाज्मा लेने की प्रक्रिया शुरू की गई।

राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार (27 अप्रैल) को कोरोना वायरस के 190 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,108 हो गई। गौरतलब है कि दिल्ली में सोमवार को लगातार दूसरे दिन कोविड-19 से किसी की मौत की खबर नहीं प्राप्त हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक कोविड-19 के कारण जिन 54 लोगों की मौत हुई उनमें से 29 की उम्र 60 वर्ष या उससे ज्यादा थी, 15 मृतकों की उम्र 50 से 59 के बीच थी और दस लोग 50 से कम उम्र के थे। रविवार (26 अप्रैल) की रात तक शहर में कोविड-19 के मामलों की संख्या 2,918 थी।

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