हाजीपुर के हरबंशपुर गांव स्थित डीआरसीसी भवन में कार्यरत कर्मचारियों से लदी नाव शनिवार को कार्यालय के समीप ही बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में पलट गई। नाव कैसे पलटी, इसका पता तो नहीं चल सका, लेकिन पानी काफी गहरा था। संयोग अच्छा था कि जहां पर नाव पलटी, वहां पर झाड़ीनुमा एक पेड़ था, जिसकी डालियों को पकड़कर लोगों ने अपनी जान बचाई। एक कर्मचारी तो नाव के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पेड़ पर ही चढ़ गया।

नाव के संतुलन खोने के बाद महिला कर्मचारियों के साथ अन्य कर्मचारियों में चीख-पुकार मच गई। पेड़ की टहनियों को पकड़े महिला कर्मियों ने चीखना और रोना शुरू कर दिया, जिसके बाद स्थानीय लोग पहुंचे और बांस के सहारे एक-एक कर कर्मियों को दूसरी नाव पर चढ़ाया और सड़क तक पहुंचाया। घटना शनिवार दोपहर करीब 12:30 बजे तब घटी, जब सरकारी नाव पर सवार होकर सभी कर्मचारी डीआरसीसी कार्यालय भवन में ड्यूटी पर जा रहे थे।

बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से होते हुए अभी नाव डीआरसीसी भवन की ओर आधी दूरी पर ही थी कि पानी में नाव का संतुलन बिगड़ गया। थोड़ी देर डगमगाने के बाद नाव पलट गई। नाव पर सवार करीब 8 कर्मचारी पानी में डूब गए। महिला कर्मचारी की संख्या अधिक बताई गई है, जिन्हें तैरना नहीं आता था। सौभाग्य अच्छा था कि जहां नाव पलटी, वहीं पर एक झाड़ीनुमा पेड़ था, जिसकी टहनियों को पकड़कर लोगों ने अपनी जान बचा ली।

इस संबंध में सीओ केके सिंह ने बताया कि पिछले लगभग तीन दिन से डीआरसीसी भवन में कार्यरत कर्मचारी नाव से भेजे जा रहे थे। गंगा में उफान के बाद पहले दिन ट्रैक्टर से उन्हें भेजा गया था, लेकिन दूसरे दिन ज्यादा पानी बढ़ने के कारण उन्हें नाव से भेजा जाने लगा। हाजीपुर के अपर समाहर्ता जितेंद्र प्रसाद साह ने बताया कि कर्मचारियों से भरी नाव डूब गई थी, हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ हैं। घटना जहां घटी थी वहां पानी कम था और धारा भी नहीं बह रही थी इसलिए सभी कर्मचारी सकुशल हैं।

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