साइबर क्राइम सेल ने सरकारी नौकरी से रिटायर कर्मचारियों के पेंशन खाते से रुपये हड़पने वाले गिरोह के मास्टर माइन्ड प्रमोद मंडल और उसके साथी मंटू मंडल को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। झारखण्ड के रहने वाले ये लोग कोलकाता में रहकर अपना गिरोह चला रहे थे। इन लोगों ने कई पुलिसकर्मियों को भी अपना शिकार बनाया था। इस गिरोह के कई अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। इनके पास 13 मोबाइल फोन, 13 सिम कार्ड, आधार कार्ड समेत कई दस्तावेज मिले हैं। यह गिरोह अब तक पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुका है।

पेंशन खाते का ब्योरा लेकर अपना नम्बर देते थे 

प्रमोद मंडल ने पुलिस अफसरों के सामने कुबूला कि सरकारी रिटायर कर्मचारियों के डाटा को साठगांठ कर हासिल कर लेते थे। फिर पेशंनधारकों को फोन करके पेंशन व खाता अपडेट करने की बात कहकर अपनी बातों में उलझा लेते थे। फिर कई जानकारियां पता करके उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांजएक्शन सुविधा एक्टिवेट कर लेते थे। इसमें पीड़ित की जगह अपना मोबाइल नम्बर अपडेट कर देते थे। इससे रुपये निकलने का मैसेज पीड़ित तक नहीं जाता था। पीड़ित जब बैंक जाते या रुपये निकालते तभी उन्हें पता चलता था। तब तक ये ठग खाते की सारी रकम निकाल चुके होते थे।

कई पुलिसकर्मी भी बने शिकार 

लखनऊ के साइबर क्राइम थाने पर रिटायर महिला हेड कांस्टेबल एस्टरडीन ने मुकदमा लिखाया था कि उनके पेंशन खाते से करीब नौ लाख रुपये निकल गये। इसी तरह सब-इंस्पेक्टर रामलखन चौधरी ने 10 लाख रुपये की ठगी की शिकायत की थी। एसआई छोटे लाल खां के करीब 11 लाख रुपये और सब-इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह ने करीब 10 लाख रुपये हड़पे जाने की रिपोर्ट हरदोई में दर्ज करायी थी।

प्रमोद मंडल ने पुलिस अफसरों के सामने कुबूला कि सरकारी रिटायर कर्मचारियों के डाटा को साठगांठ कर हासिल कर लेते थे। फिर पेशंनधारकों को फोन करके पेंशन व खाता अपडेट करने की बात कहकर अपनी बातों में उलझा लेते थे। फिर कई जानकारियां पता करके उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांजएक्शन सुविधा एक्टिवेट कर लेते थे। इसमें पीड़ित की जगह अपना मोबाइल नम्बर अपडेट कर देते थे। इससे रुपये निकलने का मैसेज पीड़ित तक नहीं जाता था। पीड़ित जब बैंक जाते या रुपये निकालते तभी उन्हें पता चलता था। तब तक ये ठग खाते की सारी रकम निकाल चुके होते थे।

कई पुलिसकर्मी भी बने शिकार 

लखनऊ के साइबर क्राइम थाने पर रिटायर महिला हेड कांस्टेबल एस्टरडीन ने मुकदमा लिखाया था कि उनके पेंशन खाते से करीब नौ लाख रुपये निकल गये। इसी तरह सब-इंस्पेक्टर रामलखन चौधरी ने 10 लाख रुपये की ठगी की शिकायत की थी। एसआई छोटे लाल खां के करीब 11 लाख रुपये और सब-इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह ने करीब 10 लाख रुपये हड़पे जाने की रिपोर्ट हरदोई में दर्ज करायी थी।

ये अभी भी फरार 

मितन मंडल, राहुल मंडल, विक्रम मंडल, मुकेश मंडल, सचिन मंडल की तलाश की जा रही है।

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