इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के रडार पर उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के दो अधिकारियों, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और अगुस्ता वेस्टलैंड मामले के वकील, कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के अलावा शीर्ष अदालत के अब सेवानिवृत्त न्यायाधीश के पुराने नंबर थे। द वायर द्वारा जारी नवीनतम सूची में इनके नाम शामिल हैं।

राजस्थान का एक मोबाइल नंबर पूर्व न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के नाम पर पंजीकृत था, जो सितंबर 2020 में उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए और अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष हैं। उनका यह नंबर 2019 में संभावित लक्ष्यों के डेटाबेस में जोड़ा गया था।

इसके अलावा, 2019 के वसंत में उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के दो अधिकारियों के टेलीफोन नंबर इस ‘गुप्त सूची’ में दर्ज किए गए थे, जिसमें सैकड़ों नंबर शामिल थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब उनके नंबर डेटाबेस में जोड़े गए थे तो दोनों अधिकारियों ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के महत्वपूर्ण ‘रिट’ खंड में काम किया था।

द वायर सहित एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम ने बताया है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर इजरायली फर्म एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी के लिए संभावितों की सूची में थे।

एनएसओ के लीक हुए डेटाबेस की सूची में राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और अश्विनी वैष्णव, व्यवसायी अनिल अंबानी, एक पूर्व सीबीआई प्रमुख और कम से कम 40 पत्रकार सहित विपक्षी नेता शामिल थे।

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