बिहार में चार नए फार्मेसी कॉलेजों में अगले सत्र से फार्मेसी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की पहल पर राज्य के चार जिलों नालंदा, सीवान, रोहतास एवं बांका में नए सरकारी फार्मेसी कॉलेजों की स्थापना की गई है। राज्य में फार्मेसी की पढ़ाई के इच्छुक छात्रों को इससे तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी। इससे राज्य के बाहर फॉर्मेसी की पढ़ाई के लिए छात्रों के पलायन पर भी रोक लगेगी।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार नए फार्मेसी कॉलेजों में प्रत्येक में 60-60 सीटों पर नामांकन लिया जाएगा। सभी नए फार्मेसी कॉलेजों को डी.फार्मा की पढ़ाई की अनुमति दी गयी है। इस प्रकार, चार नए फार्मेसी कॉलेजों में 240 सीटों पर डी. फार्मा की पढ़ाई होगी। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी चारों नए फार्मेसी कॉलेजों में पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति दी है।

राज्य के एकमात्र पटना में स्थित सरकारी फार्मेसी कॉलेज में पीजी की पढ़ाई भी अगले सत्र से शुरू होगी। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने पटना स्थित राजकीय फार्मेसी कॉलेज में डी.फार्मा, बी.फार्मा के अतिरिक्त अब फार्मेसी में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई शुरू करने की भी मंजूरी दे दी है।

पीजी में कुल 21 सीटों के लिए नामांकन लिया जाएगा। गौरतलब है कि ये सभी फार्मेसी संस्थान स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से ही संचालित किए जाते हैं। एक अन्य फार्मेसी कॉलेज का संचालन विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के तहत एमआईटी, मुजफ्फरपुर में होता था, जिसकी मान्यता समाप्त हो चुकी है।

राज्य में 93 प्राइवेट फार्मेसी कॉलेज हैं संचालित

जानकारी के अनुसार राज्य में वर्तमान में 93 प्राइवेट फार्मेसी कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 83 प्राइवेट फार्मेसी कॉलेजों में डी. फार्मा के साथ ही बी. फार्मा की भी पढ़ाई की जा रही है। शेष में सिर्फ डी. फार्मा की पढ़ाई की जाती है।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, ‘राज्य में चार नए फार्मेसी कॉलेजों में अगले सत्र से पढ़ाई शुरू होगी। नए फार्मेसी कॉलेजों में पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।’

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