बिहार के बक्सर में बुधवार की शाम भारतीय वायुसैनिकों के साथ बड़ा हादसा टल गया। वायुसेना के 20 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर जा रहे अत्याधुनिक चिनूक हेलीकॉप्टर की यहां के मानिकपुर गांव में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। एक स्कूल के पास खेत में लैंडिंग के बाद मिट्टी गिली होने के कारण हेलीकॉप्टर के पहिये भी धंस गए। मामले की जानकारी वायुसेना के उच्चाधिकारियों के साथ ही इंजीनियरिंग विभाग को भी दे दी गई है। उनके आने के बाद ही इसके यहां से दोबारा उड़ने की संभावना है। फिलहाल इसमें सवार अधिकारियों और कर्मचारियों को पास के मानिकपुर हाईस्कूल में ठहरने की व्यवस्था की गई है। जिस खेत में हेलीकॉप्टर को उतारा गया है वह मानिकपुर हाईस्कूल के मैदान का ही हिस्सा है।

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बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर ने प्रयागराज से उड़ान भरी थी। इसे बिहटा जाना था। इसी दौरान बक्सर में अचानक हेलीकॉप्टर के पंखों से चिंगारी निकलने लगी। इससे हेलीकॉप्टर से आवाज भी काफी तेज आने लगी। इसी बीच ग्रामीणों ने देखा कि डगमगाते हुए हेलीकॉप्टर नीचे आने लगा। इसके बाद मानिकपुर गांव में इसे उतरते देखा। माना जा रहा है कि पायलट ने बेहद सूझबूझ से काम लिया और हेलीकॉप्टर को सुरक्षित उतार लिया गया। कहा जा रहा है कि हेलीकॉप्टर में दो क्लास वन ऑफिसर और अन्य हवलदार, सिपाही और एसआई रैंक के जवान हैं।

हेलीकॉप्टर लैंड करते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग हेलीकाप्टर के साथ सेल्फी लेने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि हेलीकॉप्टर की तेज आवाज सुनकर सभी ग्रामीण पहले भयभीत हो गए फिर दौड़ेते हुए हाईस्कूल के प्रांगण में पहुंचे। फिलहाल मौके पर राजपुर थाने के पुलिस अवर निरीक्षक ताज मोहम्मद के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम वायुसैनिकों के लिए स्कूल में इंतजाम कर रही है। पुलिस वायुसेना के अधिकारियों से बातचीत कर रही है। इमरजेंसी लैंडिंग के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा रहा है। एसपी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण हेलीकॉप्टर को लैंड किया गया है। हेलीकाप्टर में सवार सभी अधिकारी सुरक्षित हैं।

लादेन को मार गिराने में निभाई थी भूमिका

अमेरिकी चिनूक हेलीकाप्टर ने ही पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। दो साल पहले पुलवामा हमले के बाद मार्च 2019 में इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह हेलीकॉप्टर ऊंचे और दुर्गम इलाकों में भारी भरकम साजो सामान ले जाने में सक्षम माना जाता है।

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