राज्य में जमीन से जुड़े हर मुकदमे का अब एक अलग यूनिक कोड होगा। यह कोड विवाद की गंभीरता को इंगित करेगा। इसी के साथ सभी विवादों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 11 श्रेणियों में बांटने का फैसला किया है। किसी भी स्तर के कोर्ट के फैसले को तुरंत लागू किया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग के लिये गृह विभाग एक सॉफ्टवेयर विकसित करेगा।

राज्य में जमीन से जुड़े विवादों को हमेशा के लिये खत्म करने के लिये सरकार प्रणाली विकसित कर रही है। नई व्यवस्था होने पर स्थानीय अधिकारी उच्च अधिकारियों को गुमराह नहीं कर सकेंगे। भूमि विवाद से जुड़े हर केस के यूनिक कोड रखने का फैसला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, गृह विभाग तथा बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन ने संयुक्त बैठक कर लिया है।

कोड इंगित करेगा मामले की संवेदनशीलता

भूमि विवादों को लेकर थाना से लेकर मुख्यालय स्तर पर बैठक कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। तीनों विभाग के अधिकारियों ने भूमि विवाद से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार कर एक प्रभावी व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। विवादों को जो कोड दिये जाएंगे वह उनके स्थल, संवेदनशीलता, पूर्व का इतिहास आदि ब्योरा पर आधारित होगा। कोई अधिकारी कोड देखकर पता कर लेगा कि यह मामला अपराध बढ़ाने को लेकर कितना संवेदनशील है। साथ ही इसका प्रभाव क्षेत्र क्या है।

अल्पकालीन व दीर्घकालीन रणनीति पर काम होगा 

बैठक में तय हुआ कि भूमि विवादों के निस्तारण के लिये सरकार अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक रणनीति के तहत काम करेगी। अधिकारियों को सामान्य प्रकृति के मामलों का तत्काल समाधान करना होगा। जरूरत पड़ने पर अधिकारी एफआईआर भी दर्ज कर सकेंगे। कोर्ट ने कोई फैसला दिया है तो अंचल अधिकारी और थाना पुलिस की जिम्मेदारी होगी कि वह उसका तुरंत पालन करायें। पेचीदा मामलों में दीर्घकालिक रणनीति अपनायी जायेगी। ऐसे मामले में संबंधित विवाद के स्थलों- क्षेत्रों पर निगरानी रखी जायेगी।

भूमि विवादों का वर्गीकरण

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि विवादों के लिए 11 तरह की श्रेणियां तय की हैं। ये श्रेणियां इस प्रकार हैं-

1. सरकारी भूमि पर कब्जा का विवाद
2. सरकारी भूमि का अतिक्रमण
3. बन्दोबस्त भूमि से बेदखली का मामला
4.  सुप्रीम कोर्ट- हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले वाली भूमि को लेकर विवाद एवं कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय उत्पन्न विवाद
5.  राजस्व कोर्ट में विचाराधीन मामलों वाली भूमि को लेकर विवाद एवं रेवेन्यू कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय उत्पन्न विवाद
6.  सिविल कोर्ट में लंबित मामलों में सन्निहित भूमि को लेकर विवाद एवं कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय उत्पन्न विवाद
7. भूमि की मापी-सीमांकन के समय उत्पन्न भू-विवाद (रैयती एवं सरकारी दोनों भूमि के मामले में)
8. लोक शिकायत निवारण प्राधिकार के द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में उत्पन्न विवाद
9.  निजी रास्ता का विवाद
10. पारिवारिक भूमि बंटवारा से उत्पन्न विवाद
11. अन्य विवाद

 

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