छपरा के प्रभुनाथ नगर स्थित बाल गृह से शनिवार की रात करीब 16 बच्चे भाग निकले। बच्चों के भागने की सूचना मिलते  ही बाल संरक्षण इकाई से जुड़े पदाधिकारी सक्रिय हुए और शहर के विभिन्न चौक- चौराहों, बस स्टैंड व स्टेशन पर बच्चों की खोजबीन शुरू की गई। इसके बाद आठ बच्चे  बालगृह वापस लौट आए। आठ बच्चे अभी बालगृह नहीं लौटे हैं।

बाल संरक्षण इकाई से जुड़े पदाधिकारी बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क बनाए हुए हैं और उनकी वापसी के लिये लगातार स्थानीय थाने से भी जानकारी ले रहे हैं। शेष सभी बच्चों के जल्द ही वापस आने की भी बात कही जा रही है। वहीं बालगृह की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई है। दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।

मालूम हो कि इससे पहले भी कुछ बच्चे ग्रिल तोड़कर भागे थे, जो बाद में वापस आ गए। सदर अस्पताल में इलाज के दौरान भी रिमांड होम के कई बच्चे भाग निकले थे जो बाद में रिमांड होम में वापस आ गए थे। बच्चों के भागने की सूचना बाल संरक्षण इकाई ने वरीय पदाधिकारियों को भी दे दी है।

वापस लौटे आठ बच्चों में से चार ट्रेन से बरामद

शहर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र स्थित प्रभुनाथ नगर बाल गृह से भागे बच्चों की सूचना पर छपरा जंक्शन के प्लेटफॉर्म ड्यूटी में तैनात आरपीएफ के जवान संजय कुमार ने गाड़ी संख्या 05204 लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस को चेक किया। वापस लौटे आठ बच्चों में से चार को ट्रेन के शौचालय में बैठने के दौरान पकड़ा गया।   सत्यापन के बाद रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट छपरा जंक्शन के सहायक उपनिरीक्षक हरीश चंद्र मिश्र द्वारा चारों बच्चों को सीएचडी छपरा के कर्मी अमित कुमार व प्रकाश कुमार को ठीक ठीक हालत में सुपुर्द किया गया। आरपीएफ के छपरा पोस्ट इंचार्ज अनिरुद्ध राय ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जैसे उन्हें सूचना मिली कि वह ट्रेन की तलाशी शुरू करा दी। मालूम हो कि बाल गृह से भागने का पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी कई बार बाल सुधार गृह और बाल  गृह से बच्चे भाग चुके हैं।

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