Patna High Court

बिहार के सभी नर्सिंग कॉलेज व स्कूलों की जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य में संचालित सभी सरकारी व निजी नर्सिंग कॉलेज व स्कूलों में बिहार नर्सिंग काउंसिल के दिशा-निर्देशों के पालन को लेकर जांच की जाएगी। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली दो न्यायधीशों की खंडपीठ के आदेश के बाद विभाग द्वारा जांच की कार्रवाई की जाएगी। न्यायालय ने धीरेंद्र कुमार द्वारा दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के बाद नर्सिंग कॉलेज व स्कूलों की जांच का निर्देश दिया है।

सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किए जाने की जांच होगी 

जानकारी के अनुसार 20 अप्रैल 2018 को राज्य सरकार द्वारा नर्सिंग कॉलेज, बीएससी नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना को लेकर जारी दिशा-निर्देशों के तहत जरूरी आवश्यकताओं की जांच की जाएगी। साथ ही, जरूरी मानकों को पूरा नहीं करने वाले राज्य में संचालित नर्सिंग स्कूल व कॉलेजों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। पटना उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के द्वारा की जाने वाली शिकायतों की भी जांच का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता को चार सप्ताह के अंदर नर्सिंग कॉलेज व स्कूलों की जांच को लेकर संबंधित अधिकारी के समक्ष आवेदन करने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर, राज्य सरकार को तीन माह के अंदर जांच की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। जानकारी के अनुसार राज्य में करीब 200 से अधिक सरकारी व प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज व स्कूल संचालित हैं।

इनमें सरकारी नर्सिंग कॉलेज व स्कूल निर्धारित मानकों को कमोबेश पूरा करते हैं। जबकि प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज व स्कूल द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया जाता है। नर्सिंग स्कूलों के पास संबंधित जिला सिविल सर्जन द्वारा निबंधित सौ बेड का अस्पताल होना आवश्यक है लेकिन कई स्कूलों द्वारा इसका पालन प्रशिक्षण के क्रम में नहीं किया जाता है। नर्सिंग कॉलेज व स्कूलों की मंजूरी दिए जाने में भी नियमों की अनदेखी के आरोप विभाग पर लगते रहे हैं।

याचिका में वरीयता निर्धारण सहित कॉलेजों की बदहाली को लेकर उठाए गए सवाल

याचिकाकर्ता धीरेंद्र कुमार के अनुसार पटना उच्च न्यायालय में दाखिल की गई याचिका में बिहार नर्सिंग काउंसिल के निबंधक पद पर वरीयता की अनदेखी कर नियुक्ति किए जाने सहित विभिन्न विषयों को उठाया गया था।

उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्देश के अनुसार वे जल्द याचिका में उठाए गए सवालों की जांच को लेकर आवेदन सक्षम अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के समक्ष दाखिल करेंगे। उन्होंने जोर दिया कि सभी नर्सिंग कॉलेज व स्कूलों की वर्तमान स्थिति की जांच की मांग को लेकर पूर्व में भी स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया था लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण, अंतत: न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।

आवेदन प्राप्त होते ही विभाग जांच की कार्रवाई शुरू कर देगा 

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख, नर्सिंग डॉ. कौशल कुमार ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जैसे ही आवेदनकर्ता द्वारा आवेदन दिया जाएगा, उस पर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। आवेदनकर्ता द्वारा जिन बिंदुओं की जांच की मांग की जाएगी, उन सभी पर जांच की जाएगी।

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