खाकी का रौब दिखाने और मनमानी करना बाखरपुर थानाध्यक्ष को महंगा पड़ गया। एक कांड के अभियुक्त को बेरहमी से पीटने का वीडियो वायरल होने के बाद डीआईजी सुजीत कुमार ने बाखरपुर थानाध्यक्ष बिजेंद्र पासवान, एएसआई लाल बाबt यादव को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। साथ ही थाने में तैनात सभी सैप बलों को पुलिसलाइन वापस भेज दिया गया है। इसको लेकर डीआईजी ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया है। पिटाई से घायल नीरज की पत्नी की शिकायत पर मामले की एसडीपीओ से जांच कराई गई थी। रिपोर्ट मिलने के बाद डीआईजी ने यह कार्रवाई की है।

बाखरपुर के नीरज यादव की पत्नी गुड़िया देवी ने दो अगस्त को डीआईजी से मिलकर शिकायत की थी। उन्होंने डीआईजी को बताया था कि बाखरपुर थानाध्यक्ष, लाल बाबु यादव और अन्य पुलिस जवानों के साथ मिलकर उनके पति को जमीन पर घसीटते हुए बर्बरतापूर्वक पीटा और एक अवैध हथियार के साथ जेल भेज दिया। उन्होंने वीडियो भी दिखाया और बताया कि किस तरह सोशल मीडिया पर वह वीडियो वायरल हो रहा है। उनकी शिकायत पर डीआईजी ने कहलगांव एसडीपीओ को लिखित निर्देश देकर जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था। एसडीपीओ ने 14 अगस्त को अपनी जांच रिपोर्ट डीआईजी को सौंपी। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में पुलिस पर लगे आरोपों को सही पाया।

लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश, छवि हुई धूमिल

कहलगांव एसडीपीओ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि नीरज यादव एससी-एसटी एक्ट कांड का अभियुक्त है। उसकी गिरफ्तारी के लिए थानाध्यक्ष बिजेंद्र पासवान, एएसआई लाल बहादुर यादव, सैप और बीएमपी के जवान उसके घर गये थे। एसडीपीओ ने लिखा कि नीरज अपराधी किस्म का व्यक्ति है पर जिस तरह से वीडियो में पुलिस नीरज को बेरहमी से पीटते दिख रही है, वह मानवाधिकारों के नियमों के प्रतिकूल है।

उन्होंने रिपोर्ट में लिखा कि घटना का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में बाखरपुर पुलिस के प्रति आक्रोश है और इससे पुलिस की छवि धूमिल हुई है। घटना से उन पुलिसकर्मियों पर स्वेच्छाचारिता, कर्तव्यहीनता, मनमानेपन वाला रवैया अपनाने का आरोप एसडीपीओ ने अपनी रिपोर्ट में लगाया है। उनकी रिपोर्ट मिलने पर डीआईजी ने कार्रवाई की। निलंबन के दौरान बाखरपुर थानाध्यक्ष और एएसआई का मुख्यालय पुलिस लाइन होगा। डीआईजी ने बताया कि आवेदिका की शिकायत पर एसडीपीओ से जांच कराने के बाद कार्रवाई की गयी है।

 

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