बिहार में वाणिज्य कर विभाग टैक्स चोरों पर लगातार शिकंजा कस रहा है। विभाग द्वारा फर्जी कारोबारियों के विरुद्ध एक और कार्रवाई की गई है। वाणिज्य कर आयुक्त सह सचिव डा. प्रतिमा के निर्देश पर गत दिवस विभाग की 33 टीमों द्वारा पटना सहित कई जिलों में औचक निरीक्षण किया गया।

निरीक्षण में 24 फर्में अपने घोषित पते पर मिली ही नहीं। इन फर्मों द्वारा करीब 380 करोड़ का व्यापार दर्शाकर करीब 55 करोड़ रुपए की कर अपवंचना का मामला सामने आया है। पटना तथा भागलपुर में निबंधित मल्टी रीचार्ज ऑपरेटर्स से संबंधित तीन फर्मों के निरीक्षण में एक फर्म अस्तित्वहीन पाई गई। मगर पिछले तीन साल का इसका टर्नओवर 900 करोड़ से ज्यादा है।

इस फर्म द्वारा संपूर्ण कर भुगतान क्रेडिट का उपयोग करते हुए किया गया है। वाणिज्य कर आयुक्त ने कहा कि इन फर्मों द्वारा करोड़ों के रीचार्ज वाउचर राज्य के बाहर के रिटेल व्यवसायियों से खरीदे जा रहे हैं तथा ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए रीचार्ज किया जा रहा है। इनके द्वारा अपनाए गए तरीके तथा इसमें शामिल व्यवसायियों के कमीशन तथा करदेयता की जांच विभाग द्वारा की जा रही है।

निरीक्षण में मिले फर्जी फर्मों का निबंधन रद्द किया जाएगा। साथ ही इनके इनपुट टैक्स क्रेडिट को ब्लॉक करने व ई-वे बिल जेनरेशन की सुविधा रोके जाने की कार्रवाई भी की जाएगी। दूसरे राज्यों में निबंधित ऐसे फर्म, जो इन 24 फर्जी फर्मों से व्यापार कर रहे थे, उनकी सूची भी संबंधित राज्य को कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी।

बोगस फर्मों के निबंधन की होगी जांच

विभाग की टीमों ने पटना में 13, सारण में 10, भागलपुर में 01, दरभंगा में 03, मगध में 04 तथा पूर्णिया में 02 प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया। यह फर्म मुख्य रूप से आयरन-स्टील, कोयला, लैपटॉप बैटरी, एल्यूमीनियम और कॉपर स्क्रैप, बिटुमिन आदि से जुड़ी हैं। जांच के दौरान जो फर्जी फर्म सामने आए उनमें ना केवल फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का खेल उजागर हुआ है, बल्कि जीएसटी प्रावधानों का उल्लंघन भी पाया गया है।

विभाग द्वारा इन बोगस फर्मों के फर्जी कागजात के आधार पर निबंधन लिए जाने की जांच की जाएगी। तीन फर्म अपने घोषित पते पर तो मिलीं लेकिन उनके बिल ट्रेडिंग के खेल में शामिल होने को लेकर अलग से कार्रवाई होगी। यह फर्में कोयला व लैपटॉप कारोबार से जुड़ी हैं।

दरभंगा के व्यवसायी का 30 लाख का माल जब्त

दरभंगा के एक कंप्यूटर व्यवसायी द्वारा फर्जी परिवहन दिखाकर करोड़ों के लैपटॉप की खरीद-बिक्री दिखाई गई है तथा आईटीसी का लाभ दूसरे राज्य के व्यवसायियों को दिया गया है। इस फर्म द्वारा लाखों के माल का परिवहन कार के साथ ही बाइक पर दिखाया गया है। इसके 30 लाख के माल को भी जब्त किया गया है। इन तीन फर्मों में औरंगाबाद में निबंधित एक फर्म अपने घोषित पते पर ना होकर डेहरी में कार्यरत मिली जहां एक ही जगह से कई फर्जी फर्मों का संचालन होता पाया गया। इन तीन फर्मों से करीब 16 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है।

 

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