3टिकारी राज के अंतिम नरेश कैप्टन गोपाल शरण

टिकारी राज के अंतिम नरेश कैप्टन गोपाल शरण सिंह अंग्रेज शासन काल में अपनी बहादुरी और विपरीत दिशा में साठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से कार चलाने के लिए प्रसिद्ध थे। अद्वितीय रंग, कौशल और बहादुरी के लिए भी गोपालशरण सिंह चर्चित थे। इनका राज्य अनूठी वास्तु शिल्प के लिए भी ख्यात था, गोपाल शरण सिंह को सामरिक सुरक्षा का अदभुत रचनाकार और योद्धा माना जाता था, लेकिन आज गोपाल शरण सिंह तथा उनके किले की तमाम खूबियां बिखरती जा रही हैं।

टीम के सदस्यों ने लोगों को बताया कि युवा कला एवं संस्कृति विभाग के अधीन पुरातत्व निदेशालय द्वारा इस किले को सुरक्षित घोषित करना है। ज़रूरत पड़ने पर बेची गई ज़मीन का अधिग्रहण कर मुआवजा दिया जाएगा। बताया जाता है कि टिकारी राज 852 वर्गमील में फैला था, जिसके अंतर्गत 715 राजस्व गांव आते थे।

इन गांवों से साढ़े सात लाख की वार्षिक आय होती थी। 1940 में यह आय ब़ढकर क़रीब 50 लाख हो गई थी। प्रथम विश्वयुद्ध में टिकारी राज ने अंग्रेजी हुकूमत को 30 हज़ार मन खाद्यान्न तथा पांच लाख रुपये मदद में दिए थे।

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