बिहार में कोरोना टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए निजी क्षेत्र के टीकाकर्मियों की सेवा ली जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को निजी क्षेत्र में कार्यरत जीएनएम-एएनएम और कंप्यूटर ऑपरेटर इत्यादि की सेवा लेने को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है।

विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार कोरोना टीकाकरण को लेकर जीएनएम व एएनएम को 450 रुपये प्रति कार्य दिवस की दर से प्रतिदिन भुगतान किया जाएगा। वहीं, कोरोना टीकाकरण को लेकर टीका लेने वाले व्यक्तियों के नाम, पता व अन्य ब्योरा कोविन पोर्टल पर दर्ज करने, आंकड़ों को एकत्र करने के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर की भी निजी क्षेत्र से सेवा ली जाएगी।

इसके लिए कंप्यूटर ऑपरेटर को 451 रुपये की दर से प्रतिदिन भुगतान किया जाएगा। विभाग के अनुसार अगर किसी दूसरे विभाग में टीकाकरण का आयोजन किया जा रहा है और उस विभाग द्वारा कंप्यूटरकर्मी उपलब्ध कराए जाते हैं तो उन्हें इस राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा।

आवागमन के लिए सौ-सौ रुपये दिए जाएंगे

विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार कोरोना टीकाकरण के लिए वैक्सीनेटर व वेरिफायर के आवागमन को लेकर सौ रुपये भुगतान करने का प्रावधान किया गया है। टीकाकरण कार्य हेतु प्रति टीकाकरण दिवस पर टीकाकरण केंद्रों पर आने-जाने के लिए सौ रुपये का भुगतान किया जाएगा।

यह राशि सरकारी व संविदाकर्मी को ही भुगतान की जाएगी। लेकिन टीकाकरण स्थल व पदस्थापन स्थल एक ही स्थान पर होने पर इसका भुगतान नहीं किया जाएगा। निजी वैक्सीनेटर या वेरिफायर को यह देय नहीं होगा। वहीं, इस राशि का उपयोग आवश्यकतानुसार छूटे हुए लाभार्थियों के लिए अलग से कैच-अप अभियान के तहत विशेष टीकाकरण केंद्र बनाए जाने की स्थिति में किया जा सकता है।

उत्प्रेरक को दो सौ रुपये की दर से होगा भुगतान 

टीकाकरण केंद्रों पर छूटे हुए लाभार्थियों में जागरूकता उत्पन्न कर लाने के लिए प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पर दो सौ रुपये की दर से उत्प्रेरक को भुगतान किया जाएगा। इसमें आशा व आंगनबाड़ी के कर्मी शामिल होंगे। इस राशि का उपयोग कैच-अप अभियान के तहत भी किया जा सकेगा। विभाग ने निर्देश दिया है कि वर्तमान में कोरोना टीके की दूसरी खुराक से वंचित लोगों को प्रेरित कर टीकाकरण कराने को लेकर इस राशि का उपयोग किया जाए।

 

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