कोरोना की दूसरी लहर ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र को पहली लहर में लॉकडाउन के बाद खुले बाजार से काफी डिमांड मिली थी और बाजार उठा था लेकिन इस बार को कहानी थोड़ों अलग है। इस साल कोरोना को दूसरी लहर के बाद ऑटोमोबाइल के अलग-अलग की गाड़ियों की मांग पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत से ज्यादा कमी आ गई है।

20 से 50 प्रतिशत की आई गिरावट
मारुति के डीलर अलंकार मोटर्स के अशोक प्रिपदशी कहते हैं कि पिछले साल उनके हटने के बाद जून महीने में हम लोगों ने 600 गाड़ियों की बिक्री की थी, इस वर्ष इसमें करीब 20 प्रतिशत तक की गिरावट है। इस साल जून महीने में पांच सौ गाड़ियों की ही बिक्री हुई है। महिन्द्रा के डीलर लीडर ऑटोमोबाइल के प्रबंध निदेशक पुष्पेश सरस कहते हैं कि पिछले साल जून महीने में 178 गाड़ियों की बिक्री हुई थी। इस साल यह 145 पर आ गया है।

होंडा कंपनी के डीलर वैशाली होंडा की विदिशा कहती हैं कि पिछले वर्ष 50-55 गाड़ियों की बिक्री हुई थी, इस साल यह गिरकर 30-35 पर सिमट गई है। व कहती हैं कि यही अगर मई-जून 2019 में गाड़ियों की बिक्री से तुलना करेंगे तो पाएंगे कि गाड़ियों की बिक्री में 50 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट है। पहले हर महीने 80 से ज्यादा गाड़ियां उनके शोरूम से निकलती थी जो गिरकर 35 तक सिमट गयी है। मई के बाद बिक्री में गिरावट को यह समस्या पटना के लगभग सभी ऑटोमोबाइल डीलरों की है। घटती मांग को उठाने के लिए अब ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने ग्राहकों को तरह-तरह के ऑफर देने लगी है।

फाडा ने जारी किया है आंकड़ा
ऑटोमोबाइल संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बिक्री में देशव्यापी गिरावट हुई है। चंदन ऑटोमोबाइल के प्रबंध निदेशक कहते हैं। कि बिहार में ऑटोमोबाइल क्षेत्र कोरोना के दूसरी लहर के बाद बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लगन के बाद दो पहिया वाहन सेगमेंट 25 से 30 प्रतिशत तक गिर गया है। चार पहिया गाड़ियों का पर्सनल सिम्मेट में 15 से 20 प्रतिशत तक गिरावट है। जबकि सबसे ज्यादा गिरावट ऑटोमोबाइल के कॉमर्शियत सिम्मेंट में 60 से 65 प्रतिशत तक हुआ है।

तीन बार बड़ी हैं कीमतें
गाड़ियों की घटती मांग को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि बीते तीन महीने में गाड़ियों की कीमतों में तीन बार बढ़ोतरी की गई है। इसके कारण भी बाजार से ग्राहक दूर चले गए हैं। लगातार महंगी रही कच्ची सामग्री और ऑटो हो पार्ट्स के कारण गाड़ियों को कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। अब लुभावने ऑफर से ही कुछ फायदा मिल सकता है।

पिछले साल से विपरीत है ट्रेंड
पहली और दूसरी लहर में गाड़ियों की बिक्री का ट्रेंड बिल्कुल उलटा है। लीडर ऑटोमोबाइल के प्रबंध निदेशक ने कहा कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर में गाड़ियों की डिमांड में कमी नहीं आयी थी। पिछले साल गाड़ियों की डिलीवरी में काफी कमी थी। इसके कारण गाड़ियों के लिए लंबी प्रतीक्षा सूची तैयार हो गई थी। इस वर्ष मार्च 21 के बाद आयी कोरोना की दूसरी लहर में गाड़ियों की आपूर्ति में कोई बाधा नहीं रही। इस बार बाजार से गाड़ियों की मांग नदारद है।

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