पटना नगर निगम वार्ड 72 की पार्षद मीरा देवी से उपमहापौर का ताज छीन गया है। शुक्रवार को हुई विशेष बैठक में उपमहापौर के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कुल 38 वोट पड़े जबकि विरोध में सिर्फ दो वोट गिरे। चौदह वोट को अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया गया।
बांकीपुर अंचल कार्यालय सभागार में विशेष बैठक के दौरान हुए मतदान में कुल 54 पार्षदों ने भाग लिया। अविश्वास प्रस्ताव पास होने के लिए 38 वोट ही जरूरी थे। इस तरह महापौर गुट इस बार उन्हें शिकस्त देने में कामयाब रहा। उपमहापौर समेत तीन पार्षदों ने मतदान का बहिष्कार किया।

बैठक में उपस्थित पार्षदों का कोरम पूरा होते ही महापौर सीता साहू ने बैठक की कार्रवाई शुरू की। उपमहापौर मीरा देवी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को पढ़ा। जिसके बाद पक्ष और विपक्ष ने अपनी-अपनी बात कही। प्रस्ताव के पक्ष में पार्षद डॉ. आशीष सिन्हा और इंद्रदीप चंद्रवंशी ने उपमहापौर पर आरोप लगाए। वहीं, इन आरोपों का जवाब खुद उपमहापौर मीरा देवी ने दिया। वार्ड 28 के पार्षद विनय कुमार पप्पू ने भी महापौर के खिलाफ जमकर आरोप लगाए। चर्चा के बाद नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने मतदान की प्रक्रिया शुरू की। जिसके बाद बैठक में उपस्थित पार्षदों ने मतदान किया। इसके बाद नगर आयुक्त ने परिणाम की घोषणा की। नगर आयुक्त ने कहा कि कुल 40 वैध वोट पड़े। जिसमें 38 वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में दो वोट प्रस्ताव के विरोध में। वहीं 14 वोट को रद्द करना पड़ा।

अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक में चर्चा के बाद जब मतदान शुरू हुआ तो उपमहापौर मीरा देवी ने मतदान का बहिष्कार किया। वहीं वार्ड 28 के पार्षद विनय कुमार पप्पू और वार्ड 29 की पार्षद अर्चना राय ने मतदान का बहिष्कार कर अविश्वास प्रस्ताव का विरोध जताया। दरअसल, अपनी हार देख इनलोगों ने मतदान में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया। मीरा देवी ने कहा कि महापौर गुट द्वारा जमकर हॉर्स ट्रेडिंग करायी गयी है। मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए। वहीं, विनय कुमार पप्पू ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव जबरन थोपा गया है। प्रस्ताव को लाने की कोई जरूरत नहीं थी।

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