कोरोना वायरस से बचाव के लिए पटना जिले में 165 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। इसमें वर्तमान में केवल 72 टीकाकरण केंद्र को ही संचालित किया जा रहा है। शेष 93 टीकाकरण केंद्र बंद हो गए। वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धतता नहीं होने से ऐसी स्थिति आई है। टीका की कमी के कारण ही यहां अभियान नहीं चल पा रहा है।
शहरी क्षेत्र में 43 टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन लगायी जा रही है। इनमें मेडिकल कालेजों के अलावा शैक्षणिक संस्थान को केंद्र बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में 23 पीएचसी और छह रेफरल और अनुमंडलीय अस्पताल यानि 29 ग्रामीण अस्पतालों में ही टीकाकरण संचालित हो रहा है। इसमें भी कई पीएचसी में टीका की अनुपलधतता के कारण उसे समय से पहले ही बंद कर देना पड़ रहा है, जबकि कई जगहों पर टीका नहीं मिलने पर ग्रामीण हंगामा करने को मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीण इलाके में संचालित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और शैक्षणिक संस्थानों में बनाए गए केंद्र टीके के अभाव के कारण बंद कर दिए गए हैं।
रोजाना 50 हजार का था लक्ष्य
टीकाकरण अभियान के दौरान पटना में एक दिन में 60 हजार से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है। पटना में संचालित टीकाकरण केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों एवं अन्य संसाधन इतना उपलब्ध है कि एक दिन में यहां एक लाख लोगों को टीका लगाया जा सकता है। जिला प्रशासन ने इतना लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया था लेकिन टीका की उपलब्धतता नहीं होने से बाद में प्रशासन ने एक दिन में 50 हजार लोगों को ही टीका लगाने का लक्ष्य रखा। इसके बावजूद इस लक्ष्य के अनुसार भी टीके की उपलब्धतता नहीं हो रही है। यहां 40 से 60 हजार के बीच ही टीका उपलब्ध हो पा रहा है। कभी- कभी तो एक दिन में 30 हजार डोज ही उपलब्ध कराया जाता है।
60 लाख डोज की है जरूरत
पटना जिले में 60 लाख टीके के डोज की जरूरत है। यदि अगस्त माह तक निर्धारित डोज मिल जाता है तो पटना जिले में टीकाकरण अगस्त माह में सप्ताह हो जाएगा। लेकिन जिस हिसाब से टीका की उपलब्धतता हो रही है ऐसी स्थिति में सितंबर माह में ही शत प्रतिशत टीकाकरण संभव होगा। हालांकि 60 लाख डोज 18 साल से अधिक उम्र वालों के लिए निर्धारित किया गया है। पटना जिले में लगभग 20 लाख से अधिक और किशोर हैं, जिन्हें टीका दिया जाना है। ऐसे बच्चों के लिए भी 40 लाख टीके की डोज की जरूरत होगी।
23 लाख से अधिक लोगों को नहीं पड़ा टीका
पटना जिले में 18 साल से ऊपर के 43 लाख 49 हजार 131 लोगों को टीका देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 23 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें टीके का कोई डोज नहीं पड़ा है। इसमें 21 लाख लोग ग्रामीण इलाके के हैं। पटना नगर निगम, फुलवारीशरीफ, दानापुर, खगौल, नौबतपुर, मसौढ़ी, बख्तियारपुर आदि नगर निकाय में रहने वाले साढे तीन लाख लोगों को टीका देने के लिए अधिकारियों ने दो दिन पहले मांग भेजी थी। 31 मार्च तक इन इलाकों में रहने वाले लोगों को शत – प्रतिशत टीकाकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। यहां के लिए साढ़े तीन लाख डोज की मांग की गई थी लेकिन नहीं मिला।
टीका उपलब्ध हो तो एक माह में सभी को टीका
टीकाकरण अभियान में जुडे अधिकारियों का कहना है कि यदि एक लाख डोज प्रतिदिन के हिसाब से पटना जिले में टीका की उपलब्धतता करा दी जाए तो एक माह के अंदर टीकाकरण का काम पूरा हो सकता है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसपी विनायक ने बताया कि टीके की कमी को देखते हुए लगातार मांग भेजी जा रही है। नोडल अधिकारी और एडीएम सामान्य विनायक मिश्रा का कहना है कि यदि पर्याप्त मात्रा में टीका मिल जाए तो एक दिन में कम से कम 70 हजार लोगों को टीका लगाया जा सकता है।