पलामू की कंडा घाटी से अपहृत बिहार के औरंगाबाद निवासी व्यवसायी मिथिलेश प्रसाद और उनके ड्राइवर श्रवण प्रजापति की हत्या कर दी गई है। पुलिस ने सोमवार को दोनों के कंकाल बरामद किए। इस मामले में मुख्य आरोपी देवघर पुलिस के एक सिपाही और उसके चार गुर्गों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अपराधियों के पास से चार राइफल और 80 गोलियां भी मिली हैं।

बता दें कि एनएच-139 स्थित कंडा घाटी से 25 मई, 2021 की रात करीब पौने बारह बजे औरंगाबाद शहर के दानी बिगहा निवासी व्यवसायी मिथिलेश प्रसाद (65) और उनके ड्राइवर श्रवण प्रजापति (25) का अपहरण कर लिया गया था। फिरौती के रूप में 60 लाख रुपये अपहर्ताओं ने मांगे थे। 10 लाख रुपये मिलने बाद भी अपहर्ताओं ने दोनों की हत्या कर दी।  दोनों के शवों के अवशेष पुलिस ने गढ़वा जिले के रमकंडा थाना क्षेत्र स्थित पुन्दागा गांव के पास बरामद किए हैं।

बेटी से मिलने गए थे : मिथिलेश प्रसाद छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर में रहनेवाली अपनी बेटी से मिलने गए थे। इसके बाद कार से वह अपनी पत्नी के साथ औरंगाबाद लौट रहे थे। कंडा घाटी पहुंचने पर देवघर पुलिस के सिपाही गढ़वा के पुन्दागा निवासी प्रेमनाथ यादव ने अपने गैंग के साथ मिलकर उनका अपहरण कर लिया। अपहर्ताओं ने कार में व्यवसायी की पत्नी को छोड़ दिया और मिथिलेश तथा श्रवण को लेकर फरार हो गए।

ऐसे मिला सुराग: अपहरण की इस घटना में पुलिस को एक गिरफ्तार आरोपी से कुछ अहम सुराग मिले थे। उनके आधार पर रविवार को देवघर के जसीडीह में परीक्षा ड्यूटी कर रहे सिपाही प्रेमनाथ यादव को पलामू पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने अपने चचेरे भाई अमरेश यादव,  ममेरे भाई अजय यादव के साथ गैंग के खास गुर्गों पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र स्थित बुढ़ीवीर निवासी शफीक अंसारी और ओमप्रकाश चंद्रवंशी का नाम बताया। शफीक को पुलिस पहले ही दबोच चुकी थी। प्रेमनाथ से जानकारी मिलने के बाद बाकी तीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को सभी को जेल भेज दिया गया।

प्रेमनाथ को रिमांड पर लेगी पुलिस:  पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि मुख्य आरोपी सिपाही प्रेमनाथ यादव को रिमांड पर लेने के लिए अदालत से अनुरोध कर रही है। उससे पूछताछ में कई अन्य तथ्यों को खुलासा हो सकता है।

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