कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीका को लेकर ग्रामीण इलाके में मारामारी हो रही है। जितना टीका उपलब्ध कराया जा रहा है। वह अपराह्न दो से तीन बजे के बीच खत्म हो जा रहा है, जबकि शाम पांच बजे तक टीकाकरण की समयावधि निर्धारित की गई है। प्रत्येक पीएचसी पर दो हजार वैक्सीन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, लेकिन लोगों की इतनी भीड़ हो रही है कि अब यह डोज कम पड़ने लगा है। इसीलिए पटना के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए टीका का डोज दोगुना करने की मांग स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने की है।

पटना जिले में लगभग 31 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इसमें 23 लाख से अधिक प्रथम डोज वालों की संख्या है, जबकि 7 लाख 77 हजार के करीब दूसरा डोज लेने वालों की संख्या है। शहरी क्षेत्र में 18 साल से अधिक उम्र के 95 प्रतिशत लोगों को टीका लगाया जा चुका है, जबकि ग्रामीण इलाके में अब भी 36 प्रतिशत को ही टीका लग पाया है। गांवों में रहने वाले 18 साल से अधिक उम्र के अभी लगभग 27 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें टीका लगाया जाना है।

सात अगस्त को टीकाकरण के विशेष अभियान के दिन ग्रामीण इलाकों में दुल्हिनबाजार, नौबतपुर, बाढ, मोकामा, पंडारक, बिहटा, मनेर आदि इलाके में कई जगहों पर इतनी भीड़ हो गई की स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाने में परेशानी होने लगी। अधिकारियों का कहना है कि जहां विधि व्यवस्था का संकट उत्पन्न हो रहा है, वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती कर शांतिपूर्ण ढंग से टीकाकरण कराया जाएगा। पटना जिले में 43 लाख से अधिक लोगों को टीका लगाया जाना है।

15 अगस्त के बाद चलेगा विशेष अभियान

टीकाकरण के नोडल अधिकारी विनायक मिश्रा का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण पर 15 अगस्त के बाद विशेष बल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में इस सप्ताह शत प्रतिशत टीकाकरण हो जाएगा, इसीलिए ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण के सेशन साइट भी बढ़ा दिए जाएंगे तथा अभियान चलाकर ग्रामीणों को टीकाकृत कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि पर्याप्त वैक्सीन मिल जाए तो ग्रामीण इलाकों में एक माह के अंदर सभी लोगों का टीकाकरण कर दिया जाएगा। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण इलाकों में बढ़ती मांग को देखते हुए अधिक मात्रा में टीका उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।

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