अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। अभी तक अधिकतर देशों ने तालिबानी शासन को मंजूरी नहीं दी है और इस बीच अब विश्व बैंक ने भी बड़ी कार्रवाई की है। वर्ल्ड बैंक ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर रोक लगा दी है। विश्व बैंक के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी है।

वर्ल्ड बैंक ने अफगानिस्तान के हालात, खासतौर पर महिला अधिकारों की स्थिति से चिंतित होकर यह फैसला लिया है। प्रवक्ता ने बताया कि फिलहाल वर्ल्ड बैंक ने सभी आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है और अब स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। बता दें कि अमेरिकी सेना 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ देगी लेकिन इससे करीब 2 हफ्ते पहले ही अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है।

इससे पहले अमेरिका ने भी बीते हफ्ते यह ऐलान किया था कि वह अपने देश में मौजूद अफगानिस्तान के सोने और मुद्राभंडार को तालिबान के कब्जे में नहीं जाने देगा। अकेले अमेरिका में ही अफगानिस्तान की करीब 706 अरब रुपये की संपत्ति है।

वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भी अफगानिस्तान की आर्थिक मदद रोक दी थी। आईएमएफ ने तालिबान के अफगानिस्तान को अपने संसाधनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 460 मिलियन अमरीकी डॉलर यानी 46 करोड़ डॉलर (3416.43 करोड़ रुपये) के आपातकालीन रिजर्व तक अफगानिस्तान की पहुंच को ब्लॉक करने की घोषणा की थी, क्योंकि देश पर तालिबान के नियंत्रण ने अफगानिस्तान के भविष्य के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है।

विश्व बैंक के मौजूदा समय में अफगानिस्तान के अंदर दो दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। बैंक की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, साल 2002 से लेकर अब तक विश्व बैंक की तरफ से अफगानिस्तान को 5.3 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।

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