आमलोगों से पहले बिजली कंपनी ने जूनियर इंजीनियर और इससे ऊपर के अधिकारियों के घरों में सबसे पहले स्मार्ट प्री-पेड बिजली मीटर लगाने का निर्णय लिया है। कनीय विद्युत अभियंता स्तर एवं इससे उच्च पदाधिकारियों के घर में प्राथमिकता के आधार पर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाने का आदेश कंपनी ने जारी कर दिया है। वैसे पदाधिकारी जिनका मुख्यालय शहरी क्षेत्र है, उनके यहां 31 अगस्त तक स्मार्ट प्री-पेड बिजली मीटर हर हाल में लगा लिया जाएगा।

कंपनी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने सभी बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्री-पेड बिजली मीटर लगाने का निर्णय लिया है। पहले चरण में राज्य के शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाए जा रहे हैं। 29 जनवरी 21 को इस बाबत ईईएसएल के साथ करार किया गया है। पटना, मुंगेर व अरवल में उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाए जा रहे हैं। निकट भविष्य में अन्य जिलों में इस पर काम शुरू होना है। चूंकि स्मार्ट प्री-पेड मीटर तकनीक पर आधारित है। इस कारण इसकी कार्यप्रणाली के बारे में सही समझ नहीं होने के कारण उपभोक्ता इस पर संदेह व्यक्त करने लगते हैं। बिजली कंपनी के पदाधिकारी या कर्मचारी को भी स्मार्ट प्री-पेड मीटर के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होने से उपभोक्ताओं के संदेह को दूर नहीं कर पाते हैं।

इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने तय किया है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले कनीय विद्युत अभियंता स्तर व इससे उच्च वर्ग के पदाधिकारियों के घरों में सबसे पहले स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जाएं। वितरण कंपनी के पदाधिकारी स्वयं उपयोग करने पर स्मार्ट प्री-पेड मीटर की कार्यप्रणाली के बारे में सही से जान सकेंगे और जरूरत के अनुसार उपभोक्ताओं को उसके लाभ के बारे में भी बता सकेंगे। इसके लिए ईईएसएल सभी अंचलों में आवश्यकतानुसार स्मार्ट मीटर 10 अगस्त तक भेज देगा। सभी पदाधिकारियों के यहां मीटर संबंधित क्षेत्र के अभियंता अपनी देखरेख में लगवाएंगे। मीटर लगाने में कोई परेशानी होने पर मुख्यालय या एजेंसी के प्रतिनिधियों से सम्पर्क करेंगे ताकि कंपनी के पदाधिकारी मीटर लगाने की पूरी प्रक्रिया से अवगत हो सकें।

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