राज्य में 24 घंटे के भीतर नये इलाकों में पानी फैलने से साढ़े तीन लाख नई आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। लिहाजा शनिवार को बाढ़ प्रभावित कुल आबादी की संख्या 20.41 लाख पहुंच गई। ये सभी लोग उन्हीं 15 जिलों के हैं जहां बाढ़ का व्यापक असर है। उन जिलों के अब 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से आशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित हो गई है।

बाढ़ से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर सात हो गई। आपदा प्रबंधन विभाग ने इन जिलों में राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया है। साथ ही सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों के साथ लगातार निगरानी हो रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार प्रभावित इलाकों में आवागमन जारी रखने और जरूरी सामग्री पहुंचाने के लिए चलायी जाने वाली नावों की संख्या बढ़ाकर 1948 कर दी गई है।

जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या और बढ़ाई जा सकती है। एक लाख 42 हजार 287 पॉलीथीन शीट और 27 हजार 387 सूखे राशन पैकेट बांटे गये हैं। इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। आकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी। प्रभावित क्षेत्रों में 254 सामुदायिक किचेन का संचालन किया जा रहा है। उन रसोई घरों में शनिवार को एक लाख 42 हजार 287 लोगों ने भोजन किया।

विभाग से शनिवार को मिली जानकारी के अनुसार पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों को लगाया गया है। इसके अलावा चार एनडीआरएफ की और पांच एसडीआरएफ की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रवण जिलों में पहले से तैनात हैं।

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