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विश्व तंबाकू निषेध दिवस: तंबाकू को क्यों कहे ना?

31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तंबाकू व धूम्रपान के अन्य उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौतों की रोकथाम को ध्यान में रखकर इस वर्ष की थीम ‘टोबेको और कार्डियो वेस्कुलर डिसीज (तंबाकू और हृदय रोग )’ रखी है. सिगरेट-तंबाकू का सेवन जहर का सेवन करने के समान है. यह धीमा जहर स्वास्थ्य पर तो प्रतिकूल असर डालता है, साथ ही साथ समाज पर भी इसके दूरगामी आर्थिक दुष्प्रभाव दिखाई देने लगे हैं.

तंबाकू अनेक बीमारियों का एक प्रमुख कारण है. तंबाकू से बने उत्पादों के सेवन से व्यक्तिगत, शारीरिक और बौद्धिक नुकसान हो रहा है. हालात यह है कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (सन् 2016-17) की रिपोर्ट के अनुसार देश में 15 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में से लगभग 10 करोड़ लोग सिगरेट या बीड़ी का सेवन करते हैं. विश्व में तंबाकू के इस्तेमाल के कारण 70 लाख व्यक्तियों की प्रतिवर्ष मृत्यु हो जाती है. धूम्रपान भी सेहत के लिए कम हानिकारक नहीं है. पिछले कुछ वर्षों से युवाओं के लिए धूम्रपान करना जुनून-सा बन गया है. देश के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के बीच बीड़ी पीना बहुत सामान्य है. शहरों की आधुनिक महिलाएं, यहां तक कि लड़कियों के बीच सिगरेट पीना फैशन बनता जा रहा है. धूम्रपान के इस्तेमाल से 4000 हानिकारक रासायनिक पदार्थ निकलते हैं, जिनमें निकोटीन और टार प्रमुख हैं. विभिन्न शोध-अध्ययनों के अनुसार लगभग 50 रासायनिक पदार्थ कैंसर उत्पन्न करने वाले पाए गए हैं. तंबाकू सेवन और धूम्रपान के परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ती जा रही है. इसका एक बड़ा नुकसान यह भी है कि जो लोग धूम्रपान करने वालों के करीब रहते हैं (भले ही वे सेवन न करते हों), वे भी तंबाकू के दुष्प्रभावों की गिरफ्त में आ जाते हैं, इसे मेडिकल भाषा में पैसिव स्मोकिंग कहते हैं।

धूम्रपान से होने वाली प्रमुख बीमारियां ब्रॉन्काइटिस, एसिडिटी, टी.बी., ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, माइग्रेन, आदि हैं. धूम्रपान बंद करने के 1 वर्ष के अंदर दिल की बीमारियों की आशंका 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है. फेफड़े का कैंसर होने की आशंका 10 से 15 वर्षों में 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है.

तंबाकू के सेवन से हो रहे दुष्प्रभावों के मद्देनजर भारत सरकार ने कुछ व्यापक कदम उठाए हैं. इस संदर्भ में सीओटीपीए एक्ट, 2003 के अंतर्गत तंबाकू या उससे बने पदार्थों का प्रचार-प्रसार, बिक्री और वितरण पर सख्ती से रोक लगाने की बात कही गई थी. 31 मई 2004 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर इस कानून को लागू किया गया था. भारत सरकार ने इसी क्रम में तंबाकू उत्पादों के पैक पर तंबाकू विरोधी सचित्र चेतावनी देने का निर्णय लिया था. इससे लोग इन उत्पादों से होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर जागरूक होते हैं.

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