भारतीय बनकर सेना में भर्ती हुए 3 नेपाली, एक गिरफ्तार, खुलासा- दिए थे पांच लाख रुपये

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भारतीय सेना (प्रतीकात्मक तस्वीर)

फर्जी पहचान पत्र और डिग्री के सहारे भारतीय बनकर सेना में तीन नेपाली युवकों के भर्ती का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यूपी एटीएस ने वाराणसी गोरखा राइफल में भर्ती एक सैनिक को गिरफ्तार किया है। बाकी दो छुट्टी लेकर फरार हो चुके हैं। एटीएस ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक मानी है।

नेपाल के रुपनदेई जिले का रहने वाला

एडीजी-कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि एटीएस ने वाराणसी कैंट से दिलीप‌ गिरी नाम के फौजी को गिरफ्तार किया है। उसका असली नाम विष्‍णुलाल भट्टाराय है और नेपाल के रुपनदेई जिले का रहने वाला है। फरार फौजी शिवांश बालियान भुज में जबकि मनोज कुमार बस्नैत जलपईगुड़ी में तैनात है।

पूछताछ में विष्‍णुलाल भट्टाराय ने बताया कि वह पांच लाख रुपये की रिश्वत देकर भर्ती हुआ था। एडीजी कानून-व्यवस्‍था के अनुसार, छानबीन के दौरान पता चला कि तीनों नेपाली नागरिक 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर वाराणसी से गोरखा राइफल में भर्ती हुए हैं। एटीएस के अनुसार यह सुरक्षा में बड़ी चूक है क्योंकि तीनों ने जो दस्तावेज लगाए थे, उनमें से दो की असली पहचान वाले व्यक्ति उसी पते पर रह रहे हैं। इस मामले में एटीएस के थाने में 1 अक्टूबर को केस दर्ज किया गया था और एटीएस के इंस्पेक्टर विजय मल इसकी विवेचना कर रहे थे।

असली नाम विष्णुलाल भट्टाराय

छानबीन पूरी होने के बाद एटीएस ने वाराणसी कैंट से दिलीप गिरि नाम के फौजी को गिरफ्तार कर लिया। आनंद कुमार ने बताया कि दिलीप नाम से इस युवक की भर्ती पिछले वर्ष हुई थी। दिलीप का असली नाम विष्णुलाल भट्टाराय है। वह नेपाल के रूपनदेई जिले का रहने वाला है। वह वाराणसी जिले का निवासी बनकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे सेना में भर्ती हुआ था। एटीएस के अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश यादव ने जब हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दिलीप ने अपना जुर्म कुबूल किया और बताया कि वह एक दलाल के माध्यम से पांच लाख रुपये देकर सेना में भर्ती हुआ था।

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