सरकार की तरफ से रोक के बावजूद सावन की पहली सोमवारी पर बरारी गंगा घाट से जल लेकर गोपालपुर से जदयू विधायक गोपाल मंडल बूढ़ानाथ मंदिर पहुंच गए। गेट नहीं खोलने पर विधायक नाराज हो गये। उन्होंने दरवाजा को काफी देर तक झकझोरा। इसके बावजूद गेट नहीं खोला गया। इससे नाराज विधायक पास में स्थित शिवलिंग पर जल चढ़ाकर लौट गये। इस दौरान वे मंदिर प्रबंधक व पुलिस से भी उलझ गए। कोरोना के कारण सरकारी आदेश के तहत मंदिर बंद है।

मंदिर प्रबंधक बाल्मिकी सिंह ने बताया कि मंदिर सभी के लिए बंद है। ऐसे में विधायक के लिए मंदिर कैसे खोलते। डीएम, एसपी का सख्त आदेश है मंदिर किसी भी परिस्थिति में नहीं खुले। उन्होंने बताया कि विधायक को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन पार्षद संजय सिन्हा व अन्य लोगों द्वारा भी लगातार दबाव दिया गया। इस दौरान अभद्र भाषा का उपयोग किया गया। विधायक ने कहा कि बहुत मोटा गये हो, मंदिर को बपौती समझते हो। प्रबंधक ने कहा कि वरीय पदाधिकारी को सारी सूचना दे दी गयी है।

तो जमादार का तैशगिरी निकाल देते

विधायक ने बताया कि मंदिर में चोरी-छिपे पूजा करायी जाती है। विधायक पूजा करने आते हैं तो रोक दिया जाता है। जमादार रौब में बात करता है। अगर पूजा में नहीं होते तो उसका तैशगिरी ही निकाल देते। उन्होंने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके आने से मंदिर खुल जायेगा। स्थानीय दारोगा से भी बात की गयी थी तो उन्होंने कहा कि वह मंदिर खुलवा देंगे। मंदिर प्रबंधक को भी कहा था कि उसे अंदर जाने दें। वह शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ायेंगे। फिर भी विधायक को रोका गया। थाना इंचार्ज अजय कुमार अजनैबी ने बताया कि जमादार अपनी ड्यूटी कर रहा था। कोरोना के कारण मंदिर बंद है। विधायक ने उन्हें फोन नहीं किया था।

तीन नेत्र खोलिए भगवान

विधायक ने कहा कि भगवान शिव को तीनों नेत्र खोल देना चाहिए। यह देश संतों का है। मंदिर का फाटक बंद नहीं होना चाहिए। पूजा-पाठ से आत्मबल मिलता है। साधु-संतों के लिए मंदिर खुलना चाहिए। उनका पुलिस से कभी नहीं पटता है और जमादार उलझने लगे थे। उन्होंने कहा कि कोई कांवर लेकर नहीं निकला था तो मैं पूजा करने आ गया। झारखंड जाकर उलझने से फायदा नहीं था। विधायक ने कहा कि पूरे देश में वे शासन करने आये हैं। कई साल से राजनीति कर रहे हैं। कई लोग को चुनाव जिताते हैं। लोग चाहत व पद के लिए मरते हैं, हम जनता के लिए मरते हैं।

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