• सीबीआई ने चार्जशीट में पूर्व अधिकारियों का नाम 12वें कॉलम में लिखा, यहां उन लोगों के नाम लिखे जाते हैं जिनके खिलाफ पर्याप्त सबूत न हों
  • राकेश अस्थाना पर सीबीआई ने अक्टूबर 2018 में एफआईआर दर्ज की थी, उन पर एक मामले के आरोपी से रिश्वत लेने का आरोप

Dainik Bhaskar

Feb 12, 2020, 05:16 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली की विशेष अदालत ने बुधवार को सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक (स्पेशल डीजी) राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले पर सुनवाई की। सीबीआई की तरफ से पेश की गई चार्जशीट में पूर्व स्पेशल डीजी और एक अन्य अधिकारी देवेंद्र कुमार का नाम 12वें कॉलम में लिखा गया था। यहां ऐसे आरोपियों के नाम लिखे होते हैं, जिनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न हों। इस पर कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा- आपने अपने ही एक अधिकारी का करियर उसके शुरुआती दिनों में ही खराब कर दिया।

सीबीआई ने राकेश अस्थाना पर अक्टूबर 2018 में एफआईआर दर्ज की थी। उन पर एक आरोपी को बचाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई ने उनके खिलाफ हैदराबाद के व्यापारी सतीश बाबू साना की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। साना ने कहा था कि उसने मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले में कार्रवाई से बचने के लिए अस्थाना को दो करोड़ रु. की रिश्वत दी थी। सीबीआई के मुताबिक, डीएसपी देवेंद्र कुमार ने राकेश अस्थाना के लिए रिश्वत की रकम स्वीकार की थी।

आरोप लगाने वाले कारोबारी के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही थी

अस्थाना की अगुवाई वाली सीबीआई की एक टीम 2017 में साना के खिलाफ जांच कर रही थी। इस दौरान साना ने अस्थाना पर 10 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। अपनी शिकायत में उसने अस्थाना को दिसंबर 2017 के बाद दस महीनों में रिश्वत की रकम देने की बात कही थी। साना को पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया था।

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