सालाना 216 Cr. टिफिन सेंटर्स का टर्नओवर

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कोटा. कोचिंग स्टूडेंट्स हर साल मैस और टिफिन सेंटर पर कम से कम 216 करोड़ रुपए खर्च करते हैं। इसके बावजूद अधिकतर मैस और टिफिन सेंटर खाना बनाने में साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखते हैं। नालों के पास और सड़क पर खुले में खाना बनाया जा रहा है। यह आलम शहर की ओपन मैस और टिफिन सेंटर्स का है। इसका सीधा सीधा असर बच्चाें की सेहत पर पड़ रहा है।भास्कर बता रहा है ऐसे मैस और टिफिन सेंटर्स की हकीकत

यूं समझें मुनाफे का गणित

  • 1.25 लाख कोचिंग स्टूडेंट्स हैं कोटा में
  • 55 हजार स्टूडेंट्स हॉस्टल में रहते हैं
  • 70 हजार स्टूडेंट्स पीजी में रहते हैं 60 हजार इन फूड सेंटर्स के भरोसे
  • 100 रुपए है औसतन दोनों टाइम के खाने का खर्च
  • 60 लाख रुपए एक दिन में सभी मैस की आमदनी 18 करोड़ रुपए 1 माह में मैस पर खर्च करते हैं बच्चे
  • 216 करोड़ रुपए 1 साल में खाने का खर्च

thebiharnews-in-RAJ-KOT-OMC-mess-tiffin-centers-reality-factसड़क पर खाना बनाना इनकी रोज की आदत है। यही नहीं, आवासन मंडल की दुकानों पर अतिक्रमण करके खाना बनाया जा रहा है। हर रोज यहां से 5 हजार रुपए के टिफिन और खाना सप्लाई होता है।

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