🔶जीवन का यथार्थ और समाज का आईना था प्रेमचंद का साहित्य..

🔷 पेश है उनकी एक रचना निर्वासन का नाट्य रूपांतरण..

🔷 पुरुष प्रधान समाज पर चोट करती कहानी है निर्वासन..

💠कलाकार/

🔷मर्यादा- #प्रीतिप्रभा

🔶परशु राम- #रामकुमार

🔷निर्देशक – #सुमनकुमार

🔶कैमरा – #कुमुदरंजन

🔷संपादन- #संतोषझा

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