6. पादरी की हवेली
ईसाई मिशनरियों द्वारा सन 1713 में स्थापित संत मेरी चर्च पटना सिटी के निवासियों में पादरी की हवेली नाम से मशहूर हो गया। 70 फीट लंबा, 40 फीट चौड़ा और 50 फीट ऊँचा यह शानदार चर्च सन 1772 में कलकत्ता से आए इटालियन वास्तुकार तिरेतो द्वारा वर्तमान रूप में बनाया गया। बिहार का प्राचीनतम चर्च बंगाल के नवाब मीर कासिम तथा ब्रिटिस ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच की कड़वाहटों का गवाह है। 25 जून 1763 को मीर कासिम के सैनिकों द्वारा चर्च को रौंदा गया, फिर सन 1857 की क्रांति के दौरान भी इसे नुकसान पहुँचा। विशालकाय घंटी और मदर टेरेसा से जुड़ाव के चलते यह गिरिजाघर धार्मिक तथा कलाप्रेमी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। 1948 में मदर टेरेसा ने यहीं रहकर नर्सिंग का प्रशिक्षण लिया और कोलकाता जाकर पीड़ितों की सेवा में लग गयीं।
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