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मोहल्ले की महिलाओं ने मानवता दिखाई और हरिराम की अर्थी को खुद कांधा देकर श्मशान पहुंचाया।

भिक्षा लेकर अपनी पत्नी व खुद का जीवन चलाने वाले भुरवाटोला वार्ड 20 निवासी 70 वर्षीय हरिराम धोबी की मंगलवार शाम मौत हो गई। उसकी मौत के बाद पत्नी बबीता बाई के पैरों तले जमीन खिसक गई। आर्थिक संकट से जूझ रही वृद्धा के पास अपने पति के अंतिम संस्कार तक के लिए पैसे नहीं थे। परिवार में दोनों के सिवा कोई नहीं था। ऐसी घड़ी में मोहल्ले की महिलाओं ने मानवता दिखाई और हरिराम की अर्थी को खुद कांधा देकर श्मशान पहुंचाया।

यहीं नहीं महिलाओं ने ही बुजुर्ग हरिराम का अंतिम संस्कार किया। धर्मनगरी के लोग उस समय चौंक गए जब कांधे पर अर्थी लिए लोगों ने महिलाओं को देखा। महिलाओं ने उसकी पत्नी को मदद का भरोसा भी दिलाया। बुजुर्ग हरिराम की मौत की खबर के बाद समूह की महिलाएं उसके घर पहुंची। समूह की नेहा झारिया, कमला, शीलाबाई व रेखा और मीना घरटे ने ढाढस बंधाते हुए उसकी पत्नी को मदद का भरोसा दिया। महिलाओं ने आपस में चंदे के रूप में राशि इकट्ठा कर मृतक की अंतिम यात्रा निकाल कर दाह संस्कार किया।

वार्ड के लोग उस समय चंकित हो गए जब महिलाओं ने कांधे पर बुजुर्ग हरिराम की अंतिम यात्रा निकाली। रास्तेभर महिलाओं को देखने लोगों की भीड़ लग गई। वार्ड के लोगों ने महिलाओं की सराहना भी की। मुक्तिधाम में पूरे रीति-रिवाज के साथ दाह संस्कार किया।

मृतक की नहीं है कोई संतान

समूह की महिलाओं ने बताया कि बुजुर्ग हरिराम का कोई संतान नहीं है और ना ही कोई रिश्तेदार है। संतान नहीं होने के कारण हरिराम व उसकी पत्नी बबीता भिक्षा मांगकर ही अपना गुजारा कर रहे थे। हरिराम की मौत के बाद उसकी पत्नी के पास अंतिम संस्कार तक के लिए पैसे नहीं थे। इस कारण समूह की महिलाओं को आगे आना पड़ा।

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