नदी किनारे पत्थर पर मिले रहस्यमयी निशान

कोण्डागांव, जगदलपुर । जिले के विकासखण्ड फरसगांव अंतर्गत ग्राम पंचायत कोकोड़ा जुगानार के गढ़परोदा में इन दिनों भक्ति की अनोखी मिसाल देखने को मिल रही है। स्थानीय ग्रामीणों की मान्यता है कि गढ़परोदा नदी के पास प्राकृतिक शक्ति पत्थर फोड़कर निकली है, जिसका प्रतीक चिन्ह नदी के पत्थरों पर साफ दिखाई दे रहा है।

पत्थर पर दिखाई दे रहे निशान पर आस्था दिखाते हुए यहां के ग्रामीण 12 से 14 फरवरी तक तीन दिवसीय बुढ़ालपेन (सल्ला-गागरा) जात्रा करने जा रहे हैं। ग्राम पंचायत कोकोड़ा जुगानार में प्राकृतिक शक्ति के रूप में पत्थर में पद चिन्ह दिखाई देने लगे हैं।

स्थानीय गामीणों का मानना है कि गुफानुमा पत्थर में दिखाई देने वाला यह चिन्ह पितृशक्ति, मातृशक्ति (सल्ला-गागरा शक्ति) है। दिखाई देने वाला यह चिन्ह तीन गोले वाला है, वहीं बाहर की ओर 24 चक्र भी बने हैं।

तीनों लोक के प्रतीक हैं तीन गोले

बताया जा रहा है कि गोले में दिखने वाला तीन गोला तीनों लोक का प्रतीक है और 24 चक्र सूर्य की किरण को सभी को साथ लेकर चलने का संदेश दे रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि यह चिन्ह सृष्टि के निर्माण के साथ इस स्थान पर है।

पानी के अंदर गुफा नुमा पत्थर पर होने से कभी प्रकाश में नहीं आई। अब ग्रामीण इसमें आस्था दिखाते हुए यहां मेला जात्रा का आयोजन करने वाले है, जिसके लिए जिले के कलेक्टर नीलकंठ टेकाम को ही नहीं बस्तर संभाग आयुक्त दिलीप वासनिकर को भी आमंत्रित किया गया है।

ग्रामीणों की मान्यताएं भी

स्थानीय ग्रामीणों का दिखाई देने वाले चिन्ह के प्रति बड़ी आस्था है। अपनी आस्था के चलते ग्रामीणों ने धरती पुत्र-पुत्री मुक्ति देवकोट समिति, पोड़दगुमावंशीय गढ़किला गढ़सिलयारा परगना के नाम पर इसका पंजीयन भी करवाया है। ग्रामीणों का मामना है कि यहां आस्था रखकर माथा टेकने वालों का लकवा जैसी लाइलाज बीमारी ठीक हो चुका है। इसके अलावा मानसिक रोग से ग्रसित बीमारों का भी यहां इलाज किया जाता है। कई अलग तरह के बीमार भी यहां मात्र माथा टेकने के बाद ठीक हो चुके हैं।

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