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मिसेज इंडिया फाइनलिस्‍ट बनी शिवांगी शराफ

विवाहित महिलाओं के लिए भारत में सबसे सम्मानजनक ब्‍यूटी पीजेंट मिसेज इंडिया क्‍वीन ऑफ सब्‍स्‍टांस 2018 में बिहार की बहु शिवांगी कुशाल शराफ फाइनलिस्‍ट चुनी गई हैं। इस बारे में शिवांगी ने कहा कि शादी के बाद लाइफ खत्‍म नहीं हो जाती है। पति, बच्‍चे और परिवार सबकी अपनी अहमियत है, मगर अपने लिए जीना भी उतना ही जरूरी है। आज इस कंटेस्‍टेंट में भाग लेकर मुझे खुद पर भी गर्व हो रहा है। इसमें मेरे पति और परिवार का फुल सपोर्ट मिला है।

शिवांगी ने बताया कि मिसेज इंडिया क्‍वीन ऑफ सब्‍स्‍टांस 2018 उन महिलाओं के लिए ही है, जो शादीशुदा हैं और उनके अंदर ब्‍यूटी, टाइलेंट और इंटेलिजेंस जैसी प्रतिभा छुपी है। इसमें टेलिफोनिक इंटरव्यू से मेरा सलेक्‍शन हुआ है। मेरा मानना है कि हर इंसान में ताकत होती है, सिर्फ सोच बदलने की जरूरत है।

उन्‍होंने खुद के लिए सपोर्ट की अपील करते हुए कहा कि इस ब्‍यूटी पीजेंट का फॉर्मेट टास्‍क बेस्‍ड है, जिसके आधार पर फिनाले में मिसेज इंडिया क्‍वीन ऑफ सब्‍स्‍टांस 2018 क्राउन का फैसला होगा। मैंने अपना पहला टास्‍क बेहद संजीदगी से पूरा कर लिया और अब मुझे दूसरा टास्‍क खुद के प्रोमोशन का मिला है। इसमें मुझे बिहार के लोगों से भरोसा है कि वे मुझे सपोर्ट करेंगे।

शिवांगी बिहार की महिलाओं और युवतियों के लिए काम करना चाहती हैं

शिवांगी एक हाउस वाइफ हैं, जिनका जन्‍म राउरकेला (उड़ीसा) में हुआ और शिक्षा भी वहीं प्राप्‍त की। उसके बाद उनकी शादी पटना में हो गई। शिवांगी की दो साल की एक बेटी भी है, जो उनके लिए खास है। शिवांगी इस ब्‍यूटी पीजेंट के बाद भविष्‍य में फैशन के क्षेत्र में बिहार की महिलाओं और युवतियों के लिए काम करना चाहती हैं, ताकि उन्‍हें अपने अंदर छुपी प्रतिभाओं को दुनिया के सामने लाने का मौका मिले और वे खुद पर गर्व महसूस करें।

उनका मानना है कि बिहार में प्रतिभा तो मगर सुविधाएं कम हैं और माहौल लायक नहीं है।

शिवांगी ने हाल ही में बिहार सरकार द्वारा दहेज और बाल विवा‍ह के खिलाफ जागरूकता अभियान को भी सपोर्ट किया और कहा कि बाल विवाह सही मायनों में गलत है। यह वो उम्र होती है, जब बच्‍चे खुद की भी डिसिजन लेने में सक्षम नहीं होते हैं, तो वो घर कैसे चलायेंगे। इसलिए सरकार के अलावा पैरेंटस को भी इस गंभीर मामले को समझना होगा और इस पर रोक लगाने का पहल करना होगा।

उन्‍होंने कहा कि मैं दहेज के भी खिलाफ हूं। मेरी शादी भी बिना दहेज की हुई है। आज बिहार जैसे छोटे राज्‍यों में दहेज लेन-देन को स्‍टेटस सिंबल बना दिया गया है, जो गलत है।

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