मकर संक्रांन्ति मुहूर्त और पुण्यकाल

thebiharnews-in-makar-sankrantiमकर संक्रांति 14 January 2018 : मकर संक्रांति भारत के खास त्योहारों में से एक है. यह पर्व हर साल जनवरी के महीने में मनाया जाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होता है। परंपराओं में ऐसी मान्यता है कि इसी दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस त्यौहार को भारत के विभिन्न प्रान्तों में मनाया जाता है, पर हरेक प्रान्त का अपना संक्रांति मनाने का मान्यता और रिवाज है, पर आप ये कह सकते है की ये पर्व गुड, तील, स्नान दान का होता है। लोग अपने तरीके और अपने रिवाज के अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार मनाते है, आज हम आपको मकर संक्राति के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक का प्रसाद बांटा जाता है। यह त्योहार प्रकृति, ऋतु परिवर्तन और खेती से जुड़ा है। इन्हीं तीन चीजों को जीवन का आधार भी माना जाता है। प्रकृति के कारक के तौर पर इस दिन सूर्य की पूजा होती है। सूर्य की स्थिति के अनुसार ऋतुओं में बदलाव होता है और धरती अनाज पैदा करती है। अनाज से जीव समुदाय का भरण-पोषण होता है।

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मकर संक्रांति का पावन त्योहार मनुष्य के जीवन में एक बदलाव के रूप में देखा जाता है। पौष मास में भगवान सूर्यदेव अपने पुत्र शनि देव से मिलने मकर राशि में पहुंचते हैं, तो मकर संक्रांति मनाई जाती है और पौष मास में जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं उस काल विशेष को ही संक्रांति कहते हैं। शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं और जब सूर्य मकर में प्रवेश करता है तो उसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी 2018 यानी कि रविवार के दिन मनाई जाएगी।

संक्रांति जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण का दिन होता है

संक्रांति का दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। जैसा कि निम्न श्लोक से स्पष्ठ होता है।

मकर संक्रांन्ति मुहूर्त और पुण्यकाल

thebiharnews-bath-in-makar-sankrantiपुण्य काल मुहूर्त = 14:00 से 17:41
मुहूर्त की अवधि = 3 घंटा 41 मिनट
संक्रांति समय = 14:00
महापुण्य काल मुहूर्त = 14:00 से 14:24
मुहूर्त की अवधि = 23 मिनट

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