कई राज्यों में टिड्डियों ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, केंद्र ने दी ड्रोन से छिड़काव की मंजूरी

देश के कई राज्यों में टिड्डियों के प्रकोप ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। टिड्डियों ने राजस्थान में करीब एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बर्बाद कर दी है। गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी कई जिले इससे प्रभावित हो चुके हैं। अब इनका खतरा बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र में दिखाई दे रहा है।

इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन से कीटनाशकों के छिड़काव को सशर्त मंजूरी देते हुए इसके लिए दो कंपनियां तय की हैं। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने टिड्डी नियंत्रण के लिए राजस्थान को 14 करोड़ और गुजरात को 1.80 करोड़ रुपये जारी किए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार, राजस्थान के 20 जिले, मध्यप्रदेश के 18, पंजाब का एक जिले और गुजरात के दो जिलों के अलावा महाराष्ट्र में भी टिड्डी का प्रकोप है। फरीदाबाद स्थित वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय लगातार निगरानी कर रहा है।

हरियाणा: हरियाणा ने टिड्डी दल लेकर सात जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि संजीव कौशल ने बताया कि हमारे पास कीटनाशकों का पर्याप्त भंडार है और हमने किसानों को भी सूचित कर दिया है। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिले हाई अलर्ट पर हैं।

यूपी: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में घोरावल तहसील क्षेत्र के कई गांव में बुधवार को टिड्डियों ने जमकर आतंक मचाया। तहसील क्षेत्र में लगभग दो एकड़ फसल को नुकसान की प्रारंभिक जानकारी मिली है। वहीं, झांसी जिले में बुधवार को लाखों टिड्डियों को छिड़काव की मदद से नष्ट कर दिया गया।

राजस्थान: राजस्थान के कृषि आयुक्त ओमप्रकाश ने कहा कि 20 जिलों में 90,000 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि विभाग ने 67,000 हेक्टेयर पर टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया। 800 ट्रैक्टरों का उपयोग किया जा रहा है। 200 दल दैनिक सर्वेक्षण में शामिल हैं और किसानों को मुफ्त कीटनाशक दिए जा रहे हैं।

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में भंडारा के बाद टिड्डियों का दल गोंदिया जिले की ओर बढ़ रहा है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रवि भोंसले ने कहा कि अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। भंडारा में तड़के तेमानी गांव के एक किमी के दायरे में पेड़ों पर कीटनाशक का छिड़काव किया। आम के पेड़ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।

 

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