अब सदन में गूंजेगा ‘हरि’ बोल

राज्यसभा : राजनीतिक परिपेक्ष से आज का दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के लिए अहम रहा। आज राज्यसभा के उपसभापति का निर्वाचन हुआ, जिसकी राजनितिक गलियारों में काफी चर्चा थी। चुनाव में एनडीए की तरफ से जदयू से राज्यसभा सांसद हरिवंश प्रसाद थे। वहीं मुकाबले में विपक्ष ने कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को खड़ा किया।

इस चुनाव में एनडीए की जीत हुई और हरिवंश सिंह 125 मतों के साथ राज्यसभा के उपसभापति के रूप में निर्वाचित हुए। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी हरिप्रसाद को 20 मतों के अंतर से शिकस्त दी। इस जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सीट से उठकर नवनिर्वाचित को बधाई दी। और औपचारिक घोषणा होते ही बधाइयों का तांता लग गया। हर किसी ने उन्हें इस जीत की शुभकामनाएं दी। और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।

जानिए हरिवंश सिंह को करीब से

यूपी, बलिया के सिताबदियारा में 30 जून, 1956 में जन्मे हरिवंश सिंह ने अपनी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा गांव से सटे टोला काशी राय स्थित स्कूल से की। वे पढ़ाई को लेकर शुरू से ही गम्भीर थे और उनमें कुछ कर गुजरने का जज़्बा था। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद साल 1977-78 में उन्होंने पत्रकारिता से अपने करियर की शुरुआत की। वह अक्टूबर 1989 तक ‘रविवार’ पत्रिका में सहायक सम्पादक भी रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया के लोकप्रिय साप्ताहिक ‘धर्मयुग’ के लिए मुम्बई में काम किया। उसी साल इन्होंने रांची से छपने वाले प्रभात खबर अख़बार में नौकरी की, बाद में इसी अख़बार में बतौर संपादक सेवाएं दी।

साल 2014 में उन्हें राज्यसभा के लिए बिहार से सांसद चुना गया। जिसके बाद उन्होंने प्रभात खबर के संपादक पद से इस्तीफा दे दिया। फ़िलहाल वे जदयू से राज्यसभा सांसद हैं। उनका कार्यकाल अप्रैल 2014 से अप्रैल 2020 तक रहेगा। हरिवंश सिंह पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार भी रह चुके हैं।

इस जीत का चुनावी समीकरण

इस जीत के साथ ही एनडीए एक बार फिर अपना दबदबा बनाने में कायम रही है। और विपक्षी एकता ऐन वक्त पर टूटती सी दिखी। इसका सीधा असर आने वाले लोकसभा चुनाव में होगा। जहां एक ओर एनडीए, नरेंद्र मोदी और अमित शाह की करिश्माई जोड़ी के साथ है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल साथ आकर एनडीए को कड़ा मुकाबला देने की कोशिश करेंगे।

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