गुड न्यूज! कोसी क्षेत्र सहरसा, सुपौल, मधेपुरा में बिछेंगी छह नई रेल लाइनें

कोसी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों को रेल से जोड़ने के लिए छह नई रेललाइनें बिछेंगी। इसके सर्वेक्षण के लिए इस बार के बजट में रेल मंत्रालय ने साढ़े तीन लाख रुपए का प्रावधान किया है।

बिहारीगंज-सिमरी बख्तियारपुर 54 किमी नई रेललाइन सर्वेक्षण के लिए सिर्फ 20 हजार रुपए दिए गए हैं। कुशेश्वरस्थान-सहरसा 35 किमी नई लाइन सर्वेक्षण के लिए 30 हजार और बिहारीगंज से बिहपुर वाया चौसा पचरासी 50 किमी के लिए 50 हजार राशि दिए गए हैं। ललितग्राम-पुरैनी-मुरलीगंज 55 किमी नई लाइन के यातायात सर्वेक्षण के लिए एक लाख और बिहारीगंज और वीरपुर के मध्य वाया मुरलीगंज, त्रिवेणीगंज, खुर्दा, जदिया, छातापुर, प्रतापगंज, भीमनगर 92 किमी नई लाइन के लिए भी एक लाख राशि का प्रावधान किया गया है।

ये सभी लाइनें देश के पहले रेल मंत्री स्व. ललित नारायण मिश्र के समय की घोषित हैं। अगर ये रेललाइनें बन गयीं तो रेल से जुड़ने के बाद ग्रामीण इलाकों में रोजगार के साधन बढेंगे। इलाका विकसित होगा। डिप्टी चीफ इंजीनियर निर्माण डी. एस. श्रीवास्तव ने कहा कि सर्वेक्षण में यह देखा जाता है कि नई लाइन जिस क्षेत्र से गुजर रही वहां रेलवे, राज्य सरकार और निजी किसकी जमीन है। जमीन अधिग्रहण के बाद टेंडर निकालते हुए नई रेललाइन निर्माण कार्य शुरू किया जाता है।

सभी 6 नई रेललाइनों के सर्वेक्षण के लिए पिछले साल से ही सर्वेक्षण की राशि दी जा रही है लेकिन अब तक सर्वेक्षण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। पिछले साल सर्वेक्षण के लिए प्रत्याशित लागत राशि 8 लाख दस हजार के विरुद्ध बिहारीगंज-सिमरी बख्तियारपुर नई लाइन को सिर्फ 6 हजार, 7.50 लाख प्रत्याशित राशि के बदले बिहारीगंज-पचरासी को सिर्फ 20 हजार, प्रत्याशित लागत 2.36 लाख के विरुद्ध कुशेश्वरस्थान-सहरसा को केवल 6 हजार राशि दिए गए थे। वहीं सर्वेक्षण के लिए प्रत्याशित लागत 23.75 लाख के विरुद्ध बिहारीगंज-भीमनगर को सिर्फ दस हजार, प्रत्याशित लागत 13.5 लाख के बदले ललितग्राम-मुरलीगंज को भी दस हजार और प्रत्याशित लागत 7.50 लाख विरुद्ध बिहारीगंज-पचरासी नई लाइन को बीस हजार राशि का प्रावधान किया गया था।

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