कहते हैं जोड़ियां आसमान में बनती हैं। सुपौल में ऐसी ही एक जोड़ी की खूब चर्चा हो रही है। इस जोड़ी की प्रेम कहानी एक मिस्‍ड कॉल से शुरू हुई। चंद पलों में जाने क्‍या बातचीत हुई कि गौरी दोनों पैरों से दिव्‍यांग हाथों पर चलने वाले मुकेश को दिल दे बैठी। मोबाइल पर प्रेम भरी बातचीत का सिलसिला कुछ दिनों तक चलने के बाद गौरी अपने भाई को लेकर मुकेश के पास हुई और मुकेश के साथ रजिस्‍ट्रार दफ्तर में बाकायदा कानूनी ढंग से शादी कर ली।

अब प्‍यार की अनोखी कहानी की चर्चा हो रही है। मूल रूप से झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली गौरी ने बताया एक दिन उसने भूल से एक नंबर पर मिस्ड कॉल कर दिया। वो नंबर सुपौल के बसबिट्टी गांव के रहने वाले मुकेश का था। दोनों में बातचीत शुरू हुई। यह बातचीत धीरे-धीरे प्यार में तब्दील हो गई लेकिन गौरी ने जब शादी का प्रस्‍ताव रखा तब मुकेश ने उसे साफ-साफ अपने दिव्यांग होने के बारे में बता दिया। उसने गौरी से शादी करने से इनकार कर दिया।

लेकिन गौरी किसी भी तरह इस प्रेम सम्‍बन्‍ध से पीछे हटने को तैयार नहीं थी। वह मुकेश को दिल दे बैठी थी। गौरी ने तय कर लिया था कि शादी करेगी तो मुकेश से ही। इसके बाद उसने ट्रेन पकड़ी ओर सुपौल के लिए निकल गई। गौरी के साथ उसका भाई भी था। बहन के साथ झारखंड से सुपौल पहुंचकर उसने मुकेश को दोनों पैरों से दिव्‍यांग देखा तो गौरी को अपने साथ वापस चलने को कहा लेकिन गौरी तैयार नहीं हुई। उसने कहा कि मुकेश के पैर नहीं तो क्‍या। वो शादी करेगी तो उसी से। जीवन में दोनों साथ होंगे तो मिलजुलकर हंसी-खुशी सुख-दु:ख कट जाएंगे।

मुकेश ने बताया कि उसकी मां का बचपन में ही चल बसी थीं। उसके पिता बाहर रहकर मजदूरी करते हैं। मुकेश ने अपनी मौसी के साथ सुपौल कोर्ट पहुंच कर गौरी और उसके भाई से मुलाकात की। फिर गौरी के जिद के आगे घुटने टेकते हुए इस शादी के लिए राजी हो गया। सुपौल के रजिस्टार कार्यालय में दोनों की शादी हो गई। मुकेश ने बताया कि वो इस शादी के लिए तैयार नहीं था लेकिन जब गौरी सुपौल तक पहुंच गई तो इनकार नही कर सका।

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