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भारत की बेटी का विदेश में परचम

भारत की शीर्ष जिम्नास्ट दीपा कर्माकर ने एक और जीत हासिल कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। तुर्की के मर्सिन में चल रहे FIG कलात्मक जिम्नास्टिक्स वर्ल्ड चैलेंज कप की वॉल्ट स्पर्धा में उन्होंने 14.150 के स्कोर से स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वर्ल्ड चैलेंज में ऐसा करने वाली वह देश की पहली जिमनास्ट है।

इंडोनेशिया की रिफदा इरफानालुतफी ने 13.400 अंक से रजत पदक जबकि स्थानीय महिला जिमनास्ट गोक्सु उक्टास सानिल ने 13.200 अंक से कांस्य पदक प्राप्त किया। अपने कोच बिश्वेश्वर नंदी के साथ आई दीपा ने क्वालीफिकेशन में 11.850 के स्कोर से तीसरे स्थान पर रहकर बैलेंस बीम फाइनल्स के लिए भी क्वालीफाई किया। विश्व चैलेंज कप सीरीज अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक्स महासंघ के कैलेंडर में महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है। इस साल विश्व चैलेंज सीरीज में छह स्पर्धाएं हैं और यह सत्र का चौथा चरण है। उन्हें अगस्त में इंडोनेशिया की राजधानी जर्काता में होने वाले एशियन गेम्स के लिए 10 सदस्यीय भारतीय जिम्नास्टिक टीम में भी शामिल किया गया है।

उनकी इस उपलब्धि पर भारतीय जिम्नास्ट महासंघ के उपाध्यक्ष रियाज अहमद भाटी ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक है और दीपा ने इतिहास रचा है। वह अब विश्व स्तर की प्रतियोगिता में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट है। ’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘भारत को दीपा कर्माकर पर गर्व है। उन्हें तुर्की के मर्सिन में हुए FIG वर्ल्ड चैलेंज कप के वॉल्ट इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने के लिए बहुत बधाई। यह जीत उनकी दृढ़ता और कभी न हार मानने वाले जज्बे की मिसाल है। ’ प्रधानमंत्री के अलावा खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर दीपा को दो साल बाद सफल वापसी करने पर शुभकामनाएं दीं।

गौरतलब है कि त्रिपुरा की रहने वाली 24 वर्षीय दीपा ने 2016 में हुए रियो ओलंपिक की वॉल्ट स्पर्धा में चौथा स्थान हासिल किया था। भले ही उन्होंने पदक ना जीता हो, मगर ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाली वे पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं। पिछले 52 वर्षों में ऐसा करने वाली वे प्रथम भारतीय, पुरूष या महिला जिम्नास्ट हैं।

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