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बिहार बोर्ड से एमटीएस अभ्यर्थियों का डाटा लीक

पटना : एमटीएस अभ्यर्थियों से नौकरी का झांसा देकर बैंक एकाउंट में पैसा मंगाने वाले गिरोह को दबोचने के लिए शनिवार को पटना पुलिस की स्पेशल टीम ने नालंदा में छापेमारी की। इस दौरान एक लॉज को पुलिस ने घेरा और तलाशी ली। पुलिस से आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया, इसके बाद फतुहा में तीन जगहों पर छापेमारी की गयी। हालांकि यहां से गिरफ्तारी नहीं हुई है।

सूत्रों कि मानें तो इस बार भी नालंदा कनेक्शन मिला है। ठगी करने वाले गैंग ने जिस मोबाइल नंबर से कॉल किया था उसका लोकेशन नालंदा में ही मिला है। सिमकार्ड भी नालंदा के ही किसी जगह के आईडी पर लिया गया है। पुलिस ने कई नंबर को जांच के लिए ट्रैक पर लगाया है। जिनका लोकेशन मिला था, वहीं पर छापेमारी की गयी है। पुलिस की जांच-पड़ताल जारी है।

एमटीएस का डेटा लीक करने को लेकर निजी एजेंसी न्यासा शक के दायरे में

बिहार बोर्ड की तरफ से आयोजित होने वाली एमटीएस की परीक्षा का पूरा काम देखने के लिए निजी कंपनी न्यासा को जिम्मेदारी दी गयी है। ऑनलाइन फार्म का आवेदन लेना, रजिस्ट्रेशन, रिजल्ट से संबंधित सारा काम एजेंसी देख रही है। खास बात यह है कि एजेंसी में काम करने वाले कुछ लोग भी नालंदा के हैं। पुलिस को एजेंसी पर शक है कि इसने ही ठगी करने वाले गैंग को डेटा लीक किया है। जिसके आधार पर गैंग के लोग अभ्यर्थियों के नाम-पते और मोबाइल नंबर पर फोन करके परीक्षा पास करा कर नौकरी दिलाने का झांस दे रहे हैं।

जिस बैंक एकाउंट में पैसे मंगाये गये हैं वह भी नालंदा का

इस पूरे मामले में अब तक की जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उसके हिसाब से सबकुछ नालंदा से हुआ है। यहीं का गैंग है जिसने बिहार बोर्ड में पैठ बनायी है और ठगी के कारोबार का नेटवर्क खड़ा किया है। पुलिस को यह भी पता चला है कि कुछ अभ्यर्थियों से नौकरी दिलाने के नाम पर जिस बैंक अकाउंट में पैसे मंगाये गये थे वह अकाउंट भी नालंदा जिले का ही है। पुलिस नेटवर्क को ध्वस्त करने में लगी है।

बोर्ड परीक्षा और टीईटी परीक्षा को भी टारगेट कर हो चुकी है ठगी

दरअसल बिहार बोर्ड की परीक्षा तथा टीईटी परीक्षा को लेकर भी ऐसी हरकत की जा चुकी है। परीक्षा में पास कराने के नाम पर भी जमकर वसूली हुई थी। उस समय नालंदा, शेखपुरा और नवादा जिले का नाम आया था। कुछ लोग गिरफ्तार भी हुए थे लेकिन पुलिस पूरे गैंग को नहीं दबोच पायी थी। इसके बाद पुलिस इन मामलों को भूल गयी।

21 कर्मचारियों को किया गया निलंबित

बिहार बोर्ड में शनिवार को विरोध-प्रदर्शन व कामकाज ठप करने के मामले में 21 कर्मचारियों को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। यह जानकारी बोर्ड की ओेर से दी गयी है। बताया गया है कि निलंबित कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय स्तर से भी कार्रवाई की जा रही है। सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, हंगामा करने तथा कार्यालय कार्य बाधित करने के आरोप में यह कार्रवाई की गयी है।

कहां रखा जाता है डाटा कौन हैं अर्जुन व शंभु?

विरोध-प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी संघ के महामंत्री कुंदन कुमार सिन्हा व संयुक्त सचिव श्रीनिवास प्रसाद ने कहा परीक्षा का डाटा उनके पास नहीं रहता। फिर उसकी गोपनीयता लीक कैसे होती है, उनकी समझ से परे है। इस क्रम में कर्मचारियों ने सिर्फ इतना कहा कि अर्जुन व शंभु के पास डाटा की जानकारी होती है। ऐसे में कौन अभ्यर्थियों से फोन पर संपर्क करता है, उनसे बातें करता है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।

यह भी बताया जाता है कि ये दोनों उस एजेंसी से जुड़े हैं, जो डाटा इंट्री का कार्य करती है। कर्मचारियों ने अर्जुन व शंभु के फोन कॉल्स की भी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि संपूरक परीक्षा-2016 के बाद से डाटा लीक होने, गड़बड़ी आदि का मामला लगातार प्रयास में आ रहा है। इस मसले पर भी गौर किया जाना चाहिए।

कर्मचारियों ने कहा कि बिना सही जांच किये किसी पर कार्रवाई करना गलत है।

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