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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी के पत्र पर लिया संज्ञान

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पत्र का संज्ञान लेते हुए पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित उनके सरकारी आवास की सुरक्षा व्यवस्था को बहाल करने का आज निर्देश दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक नीतीश को बैंगलुरु से पटना पहुंचते ही राबड़ी देवी के पत्र से अवगत कराया गया। पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने गृह विभाग से पूरी स्थिति की जानकारी मांगी है कि कब, क्यों और किस स्तर पर दो पूर्व मुख्यमंत्रियों (लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी) को जीवन भर के लिए आवंटित सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड की सुरक्षा व्यवस्था में परिवर्तन का निर्णय लिया गया।

घर की सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके घर की सुरक्षा व्यवस्था को बहाल करने का निर्देश दिया है और इस संबंध में पूरी स्थिति पर जानकारी मांगी है। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री काल में हुए होटल टेंडर मामले को लेकर सीबीआई द्वारा कल पटना के दस सर्कुलर स्थित सरकारी आवास पर राबड़ी और तेजस्वी से दिन में पूछताछ की गयी थी और बीती रात्रि राबड़ी के आवास पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया गया था।

राबड़ी देवी ने कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री के आवास में आवासीय सुरक्षा के साथ साथ बीएमपी 2 के कमांडो की प्रतिनियुक्ति 2005 में की गयी थी। उस समय से ये सुरक्षाकर्मी आवास के अंदर के सात पोस्टों के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मी के रूप में कार्य कर रहे थे। राबड़ी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि उनके पति पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद जब 23 दिसंबर 2017 को जेल गये तब सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उनके साथ प्रतिनियुक्त सभी सुरक्षाकर्मियों को वापस ले लिया जो शेष बचे थे वे या तो उनकी अपनी सुरक्षा में थे या पूर्व मुख्यमंत्री को आवंटित आवास की सुरक्षा में प्रतिनियुक्त थे।

राबड़ी देवी ने पत्र में लिखा कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की जिम्मेवारी गृह विभाग की होगी

उन्होंने कहा था कि जिस तरह से सारे पोस्ट को खाली करवाकर कल रात के 12 बजे बीएमपी 2 के प्रतिनियुक्त जवानों को आनन फानन में वापस ले लिया गया है उससे उनके आवास की और उनकी तथा परिवार की सुरक्षा पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गयी है। उन्होंने कहा था, मेरे एवं मेरे परिवार के साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेवारी गृह विभाग एवं गृह विभाग के मंत्री की होगी।

राबड़ी ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें कोई सुरक्षा नहीं चाहिए। बिहार के लोग और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उनकी सुरक्षा का ख्याल रखेंगे। लेकिन, यदि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो राज्य सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जायेगा। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की सरकार से स्पष्टीकरण चाहती हैं कि किस स्तर पर और क्यों इस तरह का निंदनीय फैसला लिया गया तभी वे तय करेंगी कि सुरक्षा व्यवस्था की बहाली को स्वीकार करना है या नहीं।

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राजद के कई नेताओं ने वापस की थी सुरक्षा

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी द्वारा अपनी सुरक्षा वापस करने के बाद राजद विधायकों ने भी अपनी सुरक्षा वापस करना शुरू कर दिया था. राजद के 20 से अधिक विधायकों ने अपने गनर लौटा दिये। इनमें राजद के विधायक राजेंद्र कुमार राणा, डॉ समीन एमएलसी, डॉ सुबोध राय, एज्या यादव, समता देवी, शक्ति सिंह आदि ने बुधवार को सरकारी सुरक्षा कर्मियों को वापस कर दिया था।

राबड़ी के पत्र के जवाब में पुलिस ने जारी की थी चिट्ठी

लालू प्रसाद यादव के सरकारी आवास से मंगलवार रात को बीएमपी कमांडो हटाये जाने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपनी सुरक्षा वापस कर मुख्यमंत्री को चिठ्ठी लिखी थी। इसके जवाब में बिहार पुलिस ने भी प्रेसनोट जारी कर लालू और उनके परिवार की सुरक्षा की स्थिति को स्पष्ट किया था।

कितनी मिली है सुरक्षा

राबड़ी देवी को जेड प्लस एवं एसएसजी एक्ट के तहत सुरक्षा मिली हुई है. अंगरक्षक, पायलट, स्कॉर्ट, हाउस गार्ड, निगरानी हेतु पुलिस कर्मी, जांच हेतु पुलिस कर्मी एवं बुलेट प्रूफ कार सहित कुल 36 सुरक्षा कर्मी अनुमान्य हैं, जबकि वर्तमान में 56 सुरक्षा कर्मी उपलब्ध हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को जेड प्लस एवं एसएसजी एक्ट के तहत सुरक्षा अनुमान्य है। इसके तहत 10, सर्कुलर रोड, पटना आवास की सुरक्षा को बिहार पुलिस के तीन पुलिस अधिकारी एवं 2-8 सीआरपीएफ बल उपलब्ध हैं।

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