रंग सफ़ेद
उसके गोद में सर रख मैं लेटा था।।
वो प्यार में मशगूल थी शायद ,उसकी उंगलियां मेरे बालो में हरकतें कर रही थी कुछ ।।
और...
सरजमीं
तेरी आंखें ही काफी है_
तेरा मुझसे कुछ कहने के लिए।
तेरी मुस्कान ही बहुत है_
मेरी मुस्कुराहट के लिए।
तू बस कह दे कुछ _
सब कुछ तेरा...
लोग आज कल के …
हो गए है लोग आज कल
किसी तहसीलदार की तरह ...
लगता है जैसे,
विश्वास को सूद का व्यपार समझ रखा हैं,
कहते फिरते है लोग आज कल
मैंने...
मेरा वो दो रंगा साथी ।।
एक हक़ के साथ गढ़ रखा था मैंने,
मेरे नाम को
पहले ही पन्ने पर।।
खफ़ा है आज वो मुझसे ,
किसी दोस्त की तरह,
और खफ़ा हो भी...