Wednesday, March 27, 2024
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अकेलापन ! एक नयी शुरुआत

अकेलापन ! एक नयी शुरुआत अशोक अपने छोटे से बगीचे में बैठकर सुबह की चाय का आनंद ले रहे थे तभी सामने से वर्मा जी...
a memoir on human sensibilities

हम क्या थे, क्या होते जा रहे हैं…

हम क्या थे, क्या होते जा रहे हैं... ख़त्म होती मानवीय संवेदना !!! बात कुछ दिन पहले की है। हम गाँधी मैदान से डाक बंगला...
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पुनरावृत्ति (Story about a women)

पुनरावृत्ति : Story about a women निधि ने अपनी माँ आरती की तरफ देखा। माँ सब्जी काटने में लगी थी। निधि मौका देखकर स्वाति का...

जब बोस ने अपनी सूझ बुझ से बढ़ाया  भारतीयों का मान

जब बोस ने अपनी सूझ बुझ से बढ़ाया  भारतीयों का मान आज़ादी के क्रन्तिकारी नेताओ (Freedom fighter) में से एक सुभाष चंद्र बोस से सभी...