बिहार में 5 साल में भरपूर बिजली देने की तैयारी

बिहार में पांच साल बाद 10 हजार मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति होगी। इसके लिए 13 हजार मेगावाट से अधिक बिजली देने की ट्रांसमिशन क्षमता विकसित की जा रही है। लोगों को निर्बाध व गुणवत्तापूर्ण बिजली देने के लिए बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने खाका तैयार कर लिया है। अभी सात हजार से अधिक ट्रांसमिशन क्षमता है और अधिकतम 45 सौ मेगावाट से अधिक बिजली दी जा चुकी है। फिलहाल औसतन 3500 मेगावाट बिजली मुहैया कराई जा रही है।

  • ट्रांसमिशन क्षमता बढ़ाने के लिए बनी चार हजार करोड़ की योजना
  • 2022 तक 10 हजार मेगावाट की जरूरत पूरी करने के हो रहे उपाय
  • राज्य में अभी 45 सौ मेगावाट बिजली की हो चुकी है आपूर्ति

ऐस बढ़ेगी खपत : सरकार के सात निश्चय में से एक मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के तहत एपीएल परिवार को बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। केंद्र की सौभाग्य योजना के तहत एपीएल को कनेक्शन मिलेगा। बिजली कनेक्शन 50 लाख से अधिक एपीएल परिवार को दिया जाना है। बीपीएल परिवार को दीनदयाल उपाध्याय ज्योति ग्राम योजना के तहत कनेक्शन दिया जा रहा है। इसके तहत लगभग 65 लाख ग्रामीण परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया जाना है। खेती के लिए अलग से बन रहे डेडिकेटेड फीडर के कारण खेती में भी बिजली की खपत अधिक होगी। लोगों में इलेक्ट्रॉनिक गजट के उपयोग की बढ़ती ललक के कारण खपत में हर साल वृद्धि हो रही है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार 2022 तक बिहार में 10 हजार मेगावाट से अधिक बिजली की जरूरत होगी।
यह होगा काम : वर्ष 2022 तक 10 हजार मेगावाट से अधिक बिजली देने के लिए ट्रांसमिशन लाइन का बेहतर होना जरूरी है। इसी के मद्देनजर सीतामढ़ी, सहरसा और गया के चंदौती में 400/220/123 केवी का ग्रिड सब-स्टेशन बनाया जाएगा। रक्सौल में 200/132/33 केवी का ग्रिड बनेगा। 220 केवी में 930 सर्किट किलोमीटर तो 132 केवी में 407 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी। इस मद में 1409 करोड़ 36 लाख खर्च होंगे। इसमें से 281 करोड़ राज्य योजना से खर्च किया जाना है। वहीं, 400/220/132 केवी में बख्तियारपुर, नौबतपुर व जक्कनपुर, दानापुर के भुसौला में 200/33 केवी और डुमरांव में 200/132/33 केवी का ग्रिड-सब स्टेशन बनाया जाएगा।

बख्तियारपुर में ग्रिड बनाने पर होने वाले खर्च 664 करोड़ में से राज्य सरकार 132 करोड़ खर्च करेगी। नौबतपुर, जक्कनपुर, भुसौला व डुमरांव के ग्रिड पर होने वाले खर्च 1688 करोड़ में राज्य सरकार को मात्र 168 करोड़ ही खर्च करना है। इसी तरह कर्मनाशा व कोढ़ा में 220/132/33 केवी में ग्रिड सब-स्टेशन बनाया जाएगा। साथ ही 473 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन तार बदले जाएंगे। नौ ग्रिड सब-स्टेशनों में पावर ट्रांसफॉर्मर बदले जाएंगे। साथ ही 220/132 केवी में 260 सर्किट किलोमीटर तार बदले जाएंगे। इस पर खर्च होने वाले 1097 करोड़ में से राज्य योजना से 219 करोड़ खर्च होंगे।

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