आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत सहित आपदा से जुड़े अन्य विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक कर केंद्रीय टीम मंगलवार को वापस नई दिल्ली रवाना हो गई। जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने बाढ़ व प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति को लेकर 3763 करोड़ रुपये की मांग केंद्रीय टीम को सौंपी। केंद्रीय टीम दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को बिहार पहुंची थी। टीम ने बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों के हालात को देखा और सर्वेक्षण किया। बिहार में बाढ़ ने 26 जिलों में तबाही मचायी है।

बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र से 3763 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। सहायता की यह मांग नुकसान के प्रारंभिक आकलन के आधार पर की गई है। बरसात का मौसम अभी 20 दिन बाकी है, लिहाजा मांग की गई राशि अभी और बढ़ सकती है।

राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए आयी छह सदस्यीय टीम का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह ने किया। पटना आने के बाद टीम ने मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और आपदा प्रबंधन के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ बैठक की। बैठक के बाद केन्द्रीय टीम दरभंगा के लिए रवाना हो गई। दरभंगा क्षेत्र में नुकसान का आकलन करने के बाद टीम मंगलवार को भागलपुर भी गई। वहां से आकलन कर पटना लौटी। शाम पांच बजे एक बार फिर राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर क्षेत्र से मिली जानकारी के आधार पर चर्चा की।

गौरतलब है कि सोमवार को मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में प्रभावित विभागों के अधिकारियों ने केन्द्रीय टीम के सामने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से नुकसान का प्रारंभिक आकलन पेश किया था। जल संसाधन विभाग ने क्षति की भरपाई के लिए सबसे अधिक लगभग 1470 करोड़ रुपये की मांग की है। इसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने 1169 करोड़ और कृषि विभाग ने 661 करोड़, पथ निर्माण विभाग ने 203 करोड़ रुपये की मांग की है। सबसे कम पीएचईडी विभाग ने मात्र सात करोड़ रुपये की मांग की है।

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