1माता का मंदिर : बखोरापुर

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आरा भोजपुर जिला के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत बखोरापुर में है भव्य मां काली मंदिर। अपनी भव्यता व विस्तृत क्षेत्रफल में फैलाव के कारण यह मंदिर भक्तों व पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वहीं वर्ष में एक बार भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के कारण भी लोग यंहा आने लगे है। शारदीय नवरात्रि पर यहां भक्तों का तांता लगा रहता  है।

चमत्कारिक  महत्व है माता के मंदिर का

काली मंदिर ट्रस्ट के सचिव सुनील सिंह गोपाल के अनुसार 1862 में बखोरापुर में भयंकर हैजा फैल गया था, जिसमें लगभग 5 सौ लोग मर गये थे। उसी समय गांव में एक साधु का प्रवेश हुआ था। उन्होंने मां काली के पिण्ड स्थापना करने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि ऐसा करने से यह बीमारी रुक जायेगी। बताया जाता है कि गांव के बड़े-बुजुर्गो ने सलाह-मशवरा के बाद नीम के पेड़ के पीछे मां काली के नौ पिण्ड की स्थापना कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। चंद दिनों बाद साधु अदृश्य हो गये। साथ ही हैजा गांव से धीरे-धीरे समाप्त हो गया। वो नीम का  पेड़ अभी भी स्थित है।

इसी तरह 2004 में घटित एक घटना ने माता पर लोगो की श्रद्धा को और बढ़ा दिया। 2004 के अप्रैल माह में राष्ट्रीय माँ काली सांस्कृतिक महोत्सव में दो लाख जनसमूह के उपस्थिति में 32 फिट लम्बा महुआ का पेड़ 25 फिट की ऊंचाई से टूट गया।  माँ के कृपा से इस पेड़ पर बैठे हुए 200 लोग और नीचे खड़े हजारो लोगो में से कोई भी घायल नहीं हुआ। यंहा तक की इस दुर्घटना में किसी को  चोट भी नहीं लगी।

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